एक रोज वक़्त मुझे झकझोर के उठायेगा और बोलेगा,कहाँ खोए हो,अब होश में आ जाओ, वो सब जा चुके है जिन्हें तुम जानते थे, जो तुम्हे जानते थे,अब बस तुम्हें भी चलना चाहिए, अब वक़्त बर्बाद ना करो और फ़िर जब मुझे होश आएगा, मैं भी कही किसी वक़्त में ख़त्म हो चुका रहूँगा !!
ख़त्म ये फ़ासले कर दो अब होठों पर होठ ये धर दो अब जानें कब मिलना हो क्या पता शामें यादों से ये भर दो अब मुद्दतों बाद तो आए हो नाम रातें मेरे कर दो अब कबसे बैठा हूँ राहों में मैं सपनों का ही कोई घर दो अब यादें ये जो सताती हैं अब यादों से इन रिहा कर दो अब !!
बदनाम से गोरखपुर का निवासी हूं नवाबी में लखनऊ तो भक्ति में काशी हूं शिक्षा में प्रयागराज तो वीरता में झांसी हूं तेवर देख के समझ जाओ मैं उत्तर प्रदेश वाशी हूं !!