दिल में किसी की राह किए जा रहा हूँ, जितने भी पल बिताए हम साथ मे, उनकी यादों से सपनें बुने जा रहा हूँ, वो मिलेगी नही ये पता है मुझे, मैं कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ !!
शील मनुज की परम शक्ति है नित्य उसी का करे निखार जीवन का हर अंग सवारे करते रहे समग्र विचार प्रकटायेंगे इस धरती पर धर्म अधिष्ठित सुखद विकास मन में परम विजय विश्वास.. चले निरंतर चिंतन मंथन......