चौराहे तिरंगे बेचती
अम्मा की लाठी हूँ
मेरा 'कलाम' सा मज़हब
मैं हिन्दुस्तान की माटी हूँ
(Read complete poetry in caption)-
📘✍️4 जुलाई
पति और पुत्र को धेय्यगामी बनाने वाली आदर्श नारी-जीजाबाई👏🏻👏🏻
महाराष्ट्र का ठिकाना सिंदखेड, समय था 48वें युगाब्द के प्रारम्भ का। सिंदखेड़ के महल के खुले चौक में चार लठैत एक लड़की को घेर कर प्रहार पर प्रहार कर रहे थे। आश्चर्य की बात यह थी कि देखने में बालक सा लगने वाला वह लड़ाका चारों लठैतों के वारों को चपलता से बचा रहा था और बीच में अवसर देख कर किसी न किसी के एक हाथ भी जमा देता। चारों ने पूरा जोर लगा लिया किन्तु छोटी सी आयु के उस लड़ाके से पार नहीं पा सके । वास्तव में वह लड़ाका एक बालिका थी और उसका नाम था जिजाऊ। सिंदखेड़ के राजा लखुजी जाधव की वह बालिका लाठी से अपने चार बड़े भाइयों से ही द्वन्द्व कर रही थी। ये वही जिजाऊ थीं जिनका विवाह बाद में शाह जी राजे से हुआ था और जिनके पुत्र शिवाजी महाराज ने यवन आक्रमणकारियों को देश की धरती से बाहर कर देने का महाअभियान शुरू किया।
⭕ मातृत्व का आदर्श-
एक पत्नी किस तरह अपने पति को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे सकती है, यह देखना हो तो महारानी जिजाबाई का जीवन देखें और एक माँ किस प्रकार एक राष्ट्रगान का निर्माण कर सकती है, यह देखना हो तो राजमाता जिजाऊ साहब का जीवन-चरित्र देखें। भारतीय गाने कि हिन्दू-संस्कृति में नारी का स्थान यूं ही सर्वोच्च नहीं है। राष्ट्र के निर्माण की वास्तविक कारक राष्ट्र की नारी-शक्ति ही है।-
//प्रेम या कर्तव्य//
प्रेम और कर्तव्य पथ पर
आती अनेक बाधाएँ हैं।
प्रेम और कर्तव्य पथ की
सबकी अपनी परिभाषाएँ हैं।
प्रेम और कर्तव्य पथ की
नित-नित नई सीमाएँ हैं।
कृष्ण प्रेम है वह सन्मार्ग
जिससे गौलोक का द्वार खुले।
पर स्त्री रूप सफल तभी बने
जब वह माँ बन सतत् कर्म करें।
संतान यदि कर्मठ बन जाए
तो पृथ्वी पर ही मोक्ष मिले।
मुझे कृष्ण की बंसी नहीं,
बिटिया की उंगली पकड़ना है।
मुझे विष का प्याला नहीं,
विषम परिस्थितियों को चुनना है।
क्योंकि मुझे मीराबाई नहीं,
मुझे तो जीजाबाई बनना है।-
है कोई आर्यरमणी वो राजराजेश्वरी जीजाबाई कि तूफान सा शिवराजे फिर जम्बुद्वीप मध्य स्थित हो?
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जोड़ ना मिले जहां में जिसकी
महापराक्रमी वो योद्धा खुदरंगी,
दुश्मनो के लिए था वो कहेरी,
युगो युगो तक रहेंगा वो प्रहरी,
उसके कारण जिन्दा माथे पे बिंदी,
उसके ही बलिदान से ज़िंदा है हिन्दी,
युगो युगों तक शिवायै सततं नमः-
इस दुनिया का सबसे महान योद्धा,
सिर्फ और सिर्फ माँ ही होती है,जो सिखाती है,
जीवन के हर युद्ध के सच्चे तरीके,
बनकर एक सच्चे शिक्षक।
और माँ जब एक गुरु बन जाती है,
तो जितेंगे सिर्फ आप।
फिर विश्वका कोई भी युद्ध हो।-
पूरे विश्वकी मर्दानगी,
जब एक जगह में,
मिलकर नाचने,
लगती है,
उन्हें भारत मे हम,
शेर शिवाजी कहते है।-
ते तारे आकाशी सतत चमकणारे,
कि तुमचे डोळे कर्तृत्वाची व्याख्या सांगणारे,
तुम्ही तर जिजाऊ शिवबांच्या ; सर्वांना थोर राजा देणार्या,
अन् ढाल बनून स्वत: ; हिंदवी स्वराज्य लढवणार्या l-