QUOTES ON #चमचों

#चमचों quotes

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25 APR 2024 AT 14:54

मंजिल की ओर बढ़ते जाना
अपने आत्मविश्वास को मजबूर रखना
किसी बहकावे या चमचों के चक्कर में न आना
आगे बढ़ते जाना
खुद पर यकीन रखना....

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26 AUG 2020 AT 7:56

-चमचों की सभ्यता-

विश्व की हर प्राचीन सभ्यता समय के बहाव में नष्ट हो गई।
यूनान, मिस्र, रोमन, मेसोपोटामिया, हड़प्पा न जाने कितनी सभ्यताएं
काल का ग्रास बनीं, पर एक सभ्यता देश और काल की सीमा से परे है
वो है 'चमचों की सभ्यता'। इस पर न कोई आक्रमण असर करता है,
न बाढ़ इसे बहाकर नष्ट करती है। सारे शास्त्रों व शस्त्रों की शक्ति चमचागिरी के सामने
क्षीण है। चमचों की सभ्यता नष्ट न होने से चमचों के कभी दुर्दिन नहीं आते, न ही इनके साम्राज्य में कभी दुर्भिक्ष आता है। हाँ, इस सभ्यता का अंत इस कारण
भी नहीं हो सकता कि एक चमचे का उत्तराधिकारी पहले ही गद्दी संभालने को तत्पर और तैयार रहता है। ये सभ्यता आत्मा की भाँति अजर और अमर है।

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चमचों तुम ने, एक रास्ता ये चुना है मंजिलों को पाने का।
बड़े चाव से सीखा है तुम ने हुनर हाँ में हाँ मिलाने का।।

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22 MAR 2020 AT 20:31

बजनें को तो थाली बैलन से भी बज जाती हैं..
पर लोगों नें चमचों को पकड़ कर ही क्यों बजाई थाली..
😜😂

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21 JUL 2019 AT 12:05

यार बनके हमें कुछ चमचों नें खाली कर दिया गुरु !
वरना हम भी कभी दिलेरी से ठसाठस भरे रहते थे !!

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12 JUN 2021 AT 20:33

भारत अब पूरी तरह से चमचों का देश बन चूका है,
यहां अब हुनर से नहीं, सिर्फ चापलूसी से सब काम बनता है।

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4 JAN 2021 AT 12:55

चमचों वैक्सीन आ गया है लगवावोगे
या बरनोल से ही काम चलाओगे?😀

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8 JUN 2021 AT 13:06

#चमचों तुम्हारे लिए एक #बंदी ढ़ूढी है उसका नाम है #नसबंदी
ताकि तुम्हारी जैसी नस्ल दुबारा पैदा न हो
😝😝😝

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27 NOV 2023 AT 12:05

चहूँ ओर बस हरा हरा दिखाता,चमचों का चश्मा
खाली बर्तन भी भरा दिखाता, चमचों का चश्मा

अवगुण भी गुण लगने लगते,अगर यह चढ़ जाए
है पहनता जो इसे,उसे नजर गोबर भी गुड़ आए
कंकड़ भी लगता है हीरा,है ऐसा इसमें चमत्कार
खोटा सिक्का भी खरा दिखाता,चमचों का चश्मा

बस कल्पना में कर डाला,कद महानता के समीप
मोती दिखाई देता उसमें,जो केवल है खाली सीप
अक्ल के अंधे हो जाए ,छाए असर इसका ऐसा
के उथला तड़ाग गहरा दिखाता,चमचों का चश्मा

क्षुद्र सा एक पिंड गगन का,लगने लगता रजनीश
सूरत में दरबान की इन्हें,दिखने लगता अवनीश
भ्रमित मति कर देता ऐसी,के साहब के सर पर
प्रबल जीत का सहरा दिखाता,चमचों का चश्मा

हिमगिरी सम प्रतीत होता है,एक छोटा सा पाहन
सवारी दुर्गा की,लगने लगता,लक्ष्मी जी का वाहन
नजर आता है सागर,एक गड्ढा मात्र ऐ "अश्क"
बहता पानी भी ठहरा दिखाता,चमचों का चश्मा

अरविन्द "अश्क"

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