बचपन में हर सफ़र तो इसी में
तय किया करते थे
बिना टिकट के ही सारा गाँव
घुमा करते थे-
चलो किसी रूह की सैर कर आएं आज...
बहुत घुमा लिया खुद को दूसरों के खयालों में!!!-
उसके ख़यालो में शायद,
हरपल मैं ही घूमती हूं;
वो मुझमें ही खो जाता है,
और मैं खुद में गुम रहती हूं !!-
शाम की महेफिल सजी है,
हर कोई अपने घर लौट रहा है,
लेकिन अभी कुछ हासिल करने की चाह में
वो सीना तान के खड़ा है।-
छोटी सी है जिंदगी काम बहुत करना है हर कर्तव्य से मुक्त होकर मुझे दुनिया घूमना है देखनी है मुझे कलाकृति जो प्रकृति और मनुष्य ने बनाया कैसे इस खूबसूरत धरती को मानव ने सजाया यही देखना है छोटी सी है जिंदगी काम बहुत करना है।।
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क्यों तू ढूंढे इश्क़ सारे संसार में,
कभी खुद के अंदर झांक कर तो देख,
इतना मज़ा है इस मन रुपी संसार में,
की बंद कर देगा घूमना इस बाहर के बाज़ार में।-
विचारों को एक केंद्र मिल गया है
जो घूमता है किसी के इर्द गिर्द-
Uska khayal may har pal khoya rhata ,
Mujhe mai wo usmai mai khoye rhti hu...-
1212 1122 1212 22
ख़याल तेरा मुझे आके चूम जाता है
नज़र के सामने चेहरा भी घूम जाता है।1
सुकून दिल को बहुत देखकर ये है मिलता
ख़ुशी में साथ मेरे तू भी झूम जाता है।2
मेरे ही साथ ये वीरानी क्यों रही हरदम
तुम्हारे साथ ख़ुशी का हुजूम जाता है।3
तुम्हारी याद में खोया हुआ वो है फिरता
तुम्हारी याद लिए अपने रूम जाता है।4
लगा है देख के अश्क़ों को तेरे मुझको ये
"रिया" की आँख से गिरता नुजूम जाता है।5-
अपने हिस्से की सारी खुशियाँ तुझे देना चाहता हूँ।
तेरे हर गम में तेरा साथ देना चाहता हूँ।
मेरे आते ही तुझे शर्माते हुए देखना चाहता हूँ।
मैं तुझे अपनी गाड़ी में पीछे बिठा के पूरा शहर घूमना चाहता हूँ।-