जो प्रेम राधाकृष्ण का था
जो प्रेम माता सीता और श्री राम का था
जो पवित्रता उस प्रेम में थी
वही प्रेम तुमसे में करता हूं ।
तुम्हारा मान भी बना रहें
मेरा सम्मान भी सदा रहें
परिवार की मान प्रतिष्ठा रखकर
जो प्रेम को सीमा होती है
वही प्रेम तुमसे में करता हूँ।
परिवार को कभी शर्मिंदा कर
तुम मेरे पास न आना
जिसने जन्म दिया तुझको
उसको कभी न रुलाना ।
हमारे प्रेम पर सदा
बड़ो का आशीर्वाद रहें
जिस प्रेम से माँ बाप का सर
समाज के सामने न झुके
वही प्रेम में तुमसे करता हूँ ।।-
तुम्हारी यादों से छुटकारा पाना
यु तो आसान नहीं
लेकिन बीते हुए लम्हों से निकलना
कोई मुश्किल काम नहीं।
मेरे सपनों के राजकुमार तुम नहीं थे
अच्छा किया छोड़कर मुझे
क्योंकि तुम मेरे लायक नहीं थे।-
एक दिन शांत करे मन को
याद करे वह पुराने दिन को
जब हम बच्चे हुआ करते थे
पैसा जोड़कर बॉल खरीदा करते थे
टीवी पर रामायण महाभारत चला करता था परिवार में प्रेम रहा करता था
पापा के आने का इंतजार करते थे
कीचड़ में बॉल जाना और उसे निकालना आसान नहीं था वे दिन भी क्या दिन थे
जब स्मार्टफोन नहीं था।।-
एक दिन ऐसा आएगा हम बड़े हो जाएंगे
जिम्मेदारियों के बोझ में दब कर
हम व्यस्त हो जाएंगे अभी ही समय है
खूब मौज मस्ती कर ले
कुछ अच्छी यादों को समेट कर
अपनी मेमोरी में हम रख ले।-
कुछ लोगो से हमारा शायद
दिल का रिश्ता होता है
न देखना न बाते करना
बस लिखे भावो को समझना
और अपनापन रखना।-
रिश्ते
आगे इतना बढ़ गए हम
सफलता की सीढ़ियां चढ़ गए हम
चढ़ गए इतनी ऊंचाई पर की
पीछे छोटे को देख नहीं सके हम
जिसमें सबकुछ दांव पर लगाया
उस मां-बाप को भूल गए
सुख दुख में सपोर्ट करने वाले
उन दोस्तों को भूल गए
अब भी समय है हम सब कुछ सुधारें
बिगड़ चुके हैं जो भी रिश्ते हम उन्हें संभाले।-
एक ने पूरा किया सपना
दूजे को कुछ भी नहीं मिला
एक ने जीत ली बाजी
एक हमेशा पीछे रहा
एक की मेहनत रंग लाई
और एक ने मेहनत ही नहीं किया
एक समय के साथ चला
एक ने समय बर्बाद किया।।-
मुश्किल वक्त टल ही जाए
एक दिन सब कुछ
सही हो जाएगा,
जब तू वापस
घर लौट कर आएगा।
बिछड़ गए हैं हम अभी
एक दिन जरूर मिलेंगे
अगर तुम नहीं आए तो
हम इंतजार करेंगे।-
जो करना है जल्दी करो
कल के भरोसे मत रहो ना जाने कब ये समय आ जाए
जब तुम इस दुनिया में ना रहो
कुछ ऐसा करके जाओ
कि दुनिया याद रखें
तुम्हारे लिए अपने दिलों में
हमेशा सम्मान रखें।-
कौन समय को रोक पाया है कौन समय को रोक पाएगा चलता रहता है अपनी गति से कौन इसके रास्ते में आता है ठान लिया है कुछ मन में तो समय के साथ चलना होगा नहीं चले समय के साथ तो जीवन भर पछताना होगा।।
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