अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बो ...
घमंडी इंसान यहाँ से दफा हो !!!-
हां मुझमें घमंड है और मैं घमंडी हूं|
क्योंकि मैं महादेव की बंदी हूं ||-
दिया न करो इसे तारीफों की रिश्वत
कलम मेरी कहीं घमंडी हो न जाये-
"घमंडी : नही हूँ मैं"
यूँ तो हरदम रहता हूँ मैं उसके मोहब्बत के नशे में ही खोया हुआ
दे नही पाता हूँ किसी और चेहरे पर ध्यान इसलिए लोग मुझे 'घमंडी' और 'अकड़ू' समझते
अब उन्हें क्या पता कि एक मासूम सी लड़की है जान मेरी जिसपर मैं और मेरा दिल है फ़िदा
'घमंडी' नही हूँ मैं बस प्यार सिर्फ़ और सिर्फ़ उससे ही करता हूँ
प्यार में मेरी रह न जाए कभी कमी कोई और बस उसे खोने से डरता है
ये अलग बात है कि हमारी बातें ज़रा कम होती है
लेकिन शामोशहर बिना मिले ही हमारी मुलाकातें बड़ी ही खुबसूरत और ज़बरदस्त होती है
दिल से सीधे दिल तक हमारी एक दूसरे से बातें होती है
दिन तो बाकमाल होता है लेकिन उससे ज्यादा हसीन और यादगार तो हमारी रातें होती है
हाँ ये भी सच है कि दूरियाँ मीलों की है हम दोनों के दरमियान
लेकिन दूर होकर भी है हम दोनों एक दूसरे की जिंदगी और एक दूसरे का जहान-
धमंडी नहीं हूं साहब
बस जहां दिल ना करे वहां
जबरदस्ती बात करने की आदत नहीं है मेरी....-
अपने गुरूर को उसने अभी तक संभाल रखा है
मर जाएंगे हम उसके बिना,ये वहम भी पाल रखा है-
गुरुर है बहुत खुद पर और क्यू ना हो
जब से मिले हो हम से
तुम घमंडी कहते आए हो
तो हा हू मै
-
ये धर्म के वाशिंदों
मुझे आजाद कर दो
अब मैं नादान परिंदा तो नहीं
समझ से भरपूर
भारतीय युवा जो हूं.....।।।
"घमंडी"-
कभी कभी कुछ लोगों को जरूरत से ज्यादा आभार प्यार देकर
आप भी उनके अहं में अपना हिस्सेदारी निभाते हैं
जो लेने के उतने लायक होते नहीं हैं पर आप तब भी देते हो-