किसी भी किताब से हजार गुना बड़ा हूँ मैं।
अब तो मानो बहुत कुछ पढ़ा हूँ मैं।-
सीखी गुना है कर न सके भाग हम कभी
आंगन के बीच पेड़ लगा क़ैसे काटते
©दिनेश शर्मा,27.12.2020-
जोड़ा घटाया और गुणा भाग सब किए
लेकिन मेरे सवाल का उत्तर न आ सका-
कितना मारोगें तुम हमें,
हम किसान है जनाब,
मिट्टी में मिल जायँगे पर
तुम्हें भूखा सोने नहीं देंगे।-
बेदर्दी भरी लाठिया ओर भी दर्द देती है
अपने ही रोते बिलखते बच्चों के सामने वो पड़ती है
बात जब किसान की हो तो सब चुप हो जाते है
पेट इन की वजह से भर पाते है
यह हम क्यों भूल जाते है
अन्नदाता है हमारा ,जो जीवन का आधार है
फिर वही इस देश मे क्यों कर्जदार है
खेतो में दिन रात खून पसीना बहाता है
किन कारणों से फिर वह झूले पर झूल जाता है
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हल_ओर_हथौङा_थामने_वाले_हाथ। यूँ_ही_हथियार_नहीं_उठाते।
सियासी_जुल्म_मजबूर_कर_देते हैं।।
😡✊😡
गुना (मध्य प्रदेश)-
|| श्यामलिका ||
यूं ही नही गुजर जाऊंगा ऐ जिंदगी
जितना तूने हमें बर्बाद किया है
उससे कई गुना तुझे मसहूर कर जाऊंगा
😚😚😚😚😚😚😚😚😚😚-
हाथ पीला करके साथ ले जाने वाला
बिना पसंद का मर्द
मुंह काला करके छोड़ जाने वाले महबूब से
लाख गुना बेहतर है-
कुछ शहरों की हवा में एक अलग ही बात होती है,
ऐसा ही एक शहर है (गुना)-
गुनाह बस इतना था मेरा कि ।।
मैं गुनाह जानने की कोशिश कर रहा था ।।
जो मेरे वजूद से लाखों मिल दूर थे ।।
मैं उसी के मिलने की ख्वाहिश कर रहा था ।।-