आज एक हसीन ख़्वाबों में फिर इक़रार हुआ
और कल आने का फिर ऐतबार हुआ।
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K Sarvottam
(K Sarvottam)
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Joined 5 April 2019
28 MAY 2021 AT 23:09
आज फिर उनका 'इंतेज़ार' करके देखा है,
वक्त कटे नहीं कटता आज फिर ये देखा है।-
15 MAY 2021 AT 13:15
"हाँ, नहीं, पता नहीं" ख़यालों ने,
और तरसती सुकून भरी निगहों ने,
आज फिर उनसे एक सवाल कर डाला,
मेरे इस जज़्बाती ज़हन को कब अपनाओगे
ख़ामोश लब्ज़ों में उन्होंने कह डाला
"हाँ, नहीं, पता नही"
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15 MAR 2021 AT 8:15
जिन्हें नींद नहीं आती
बस उन्हें ही मालुम है,
की सुबह होने में
कितने ज़माने लगते है!
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