QUOTES ON #इंतज़ार_की_रातें

#इंतज़ार_की_रातें quotes

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25 AUG 2020 AT 4:55

फासले आ चुके है हम दोनों के दरम्यान मगर प्यार अबतक बरकरार है ,
ख्वाबों में रोज़ मुलाक़ात होती है मगर हकीकत में तेरा अरसे से इंतज़ार है...

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20 JUL 2020 AT 3:00

साथ रहकर तूने इतना हसाया की हम गम में
भी रोना भूल गए ,
हाल कुछ यूं हैं तेरे जाने के बाद की अब रातों को
हम सोना भूल गए.....
ये दिल ये जान सब तेरे नाम इस कदर करके बैठे हैं
मेरे सनम ,
किसी और का तो छोड़ो हम तो खुद ही का होना
भूल गए...

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16 APR 2020 AT 15:53

इंतज़ार कर के देखा है मैंने
घंटे बरसों से लगने लगते हैं....
खुली आंखों में रख कर सपने
पूरी रात हम अकेले ही भटकते है,
इंतज़ार कर के देखा है मैंने
घंटे बरसों से लगने लगते हैं ।।1।।
सोचते है जब उनकी बाहों में कैद
कैद पर खुद को महफूज महसूस करते है,
इंतज़ार कर के देखा है मैंने
घंटे बरसों से लगने लगते है ।।2।।
सोचते है कर ले कोई ठिठोली उनसे
फिर उनके गुस्से का भी खौफ रखते है,
इंतज़ार कर के देखा है मैंने
घंटे बरसों से लगने लगते है ।।3।।
सोच लेते है कभी खुद की नाराज़गी
फिर उनका मनाना भी देख लिया करते है,
इंतज़ार कर के देखा है मैंने
घंटे बरसों से लगने लगते है ।।4।।
सोच लिया करते है उनके आंसू भी
जब खुद की मौत सोच लिया करते है,
और इंतज़ार कर के देखा है मैंने हर रात
ये घंटे बरसों से नहीं जन्मों से भी लगने लगते हैं।।5।।

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11 SEP 2019 AT 8:32

...continued
हूँ मगन मैं अपने ख्वाबों में..
दुनिया से दूर बस मैं और तुम
इन आँखों से बहते मोती को
तुम हंस सा आकर लेना चूम

आँखे जगती पलकें बोझिल
थोड़ा सहमा थोड़ा डरा ये दिल
क्या इतिहास ख़ुद को दुहरायेगी..
ढह जाएगी क्या ये महफ़िल?

आज का दिन आ गया याद
कितनी मिन्नतें कितने फरियाद
अनश्वर वक़्त उफ ये इंतज़ार!
सोचूँ आज क्या था वो प्यार?

अब आदत हो गई है मुझको
इक टीस सी उठती सीने में..
जिन्दगी है बीत ही जाएगी
थोड़ा दर्द ही तो होगा जीने में!

पर फिर क्या जब तुम एकाएक
यूं सामने से टकराओगे
जब नजरें पहचानेगी तुमको
क्या अनजाना बन पाओगे?

अब सोच के मैं थक जाती हूँ
और रोक लूं वैसा जिगर नहीं
इंतज़ार उस वक़्त का है जब
यादें तो होगी पर हम नहीं...

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18 AUG 2021 AT 0:25

गलती सायद मेरी ही है
में ही आप से ज्यादा बात करने लगा!!
जब हो गई मुझे आदत
तो आप नज़रअंदाज करने लगे..

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16 OCT 2019 AT 21:32

सबकी नज़रों को बेसब्री से इंतज़ार रहेगा उसका
आने में वो थोड़ा इतराऐगा वो थोड़ा शर्माएगा
बादलों की आगोश में भी खुद को छुपाएगा
वो करवाचौथ का चांद हे साहब
ऐसे ही थोड़े ना नजर आएगा ...

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10 SEP 2019 AT 20:01

इक साल का था वो दरमियां
जैसे वो कल की हो बातें..
आज भी लगता है जैसे
न होंगी इंतज़ार की रातें..

मैं चहक चहक कर दुनिया को
सिर पर अपने उठा लूंगी..
रौशन कर घर के चौखट पर
नजरों का पहरा बिठा दूँगी

इक आहट तुम्हारे कदमों की
और सांसे मेरी थम जायेगी
साथ बीते हर इक लम्हों में
मन जोगन सी रम जाएगी

एकाकी जीवन में फिर से
रंगीन हर इक शाम होगा
रंग जमेगा कुछ मयखाने सा
होठों से छलकता जाम होगा

मैं बनूंगी राधा ओ कृष्ण मेरे!
तुम प्यार की बंसी बजा देना
जो न आई तुम्हारे बुलावे पर
जो जी में आए सजा देना..

.... To be continued

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