अलविदा कहना इतना जरूरी तो नहीं?
क्यों कभी- कभी अलविदा कहना
इतना मुस्किल होता है!
वो ख़ास शक्स जिसे दिल अपने से
दूर नहीं जाने देना चाहता है.
जिन्हें कितना भी सुनो
दिल भरता नही है और
जब भी वो जानें कि बात करें
तो दिल बस थोड़ी देर और ठहरने की
ख्वाइस करता है लेकिन
ना चाहते हुए भी उन्हें
अलविदा कहना पड़ता है
__Mr. Nexus-
अगर कभी याद आ जाए !
तो बात जरूर कर लेना मुझसे
मेरी वो पुरानी इंतज़ार की
आदत अभी तक है.-
कभी कभी हमें
ऐसे स्थान पर नहीं रहना चाहिए
जहां पर आपकी अहमियत तब हो
जब वो अकेला हों.
और किसी और शख्स के आते ही
आपकी अहमियत ख़त्म हो जाती हों!
ऐसी जगह पर रुकना मूर्खता से कम नहीं.
__Nexus..— % &-
मुझे कमरे के उस कोने में बैठना है.
जहां मैं आपको बस दूर से देखता रहूं !
आपको चाहने वाले बहुत हैं.
शायद इसलिए मुझे आपकी मोहब्बत नहीं चाहिए!
मैं आपका सागिर्द बनकर रहना चाहता हूं !
मैं आपसे सीखना चाहता हूं !
आपकी रोशनी में उजागर होना चाहता हूं!
अपने अंधेरो से निकलना चाहता हूं.।।
मैं चाहता हूं की जब मैं सुबह उठूहू
तब आपका चेहरा मेरे आंखो के सामने हो
सुरज की रोशनी पहले आपके चेहरे पर पड़े !
मेरी रात ढले आपके शयन के साथ.
ज्यादा कुछ नही बस
में कमरे के उस कोने में बैठना चाहता हूं!
जहां से मैं आपको बस देखता रहूं.
आपको मोहब्बत करने वाले तो बोहोत है
मैं तो बस आपका सागीर्द बनना चाहता हूं.
आपसे बस सीखना चहता हूं.
___unknown person-
मैं उम्र के अनुसार नही
हालात के हवाले जीता हूं !
वक्त से पहले हालात से लड़ा हूं.
इसलिए उम्र से कई साल बड़ा हूं !
___Rudra Dev Singh— % &-
पेड़ के टूटे हुए पत्ते की तरह था में.
पहले तो लोगो ने मुझे इकट्ठा किया
और आग लगा दी!
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सारे ज़माने में बट गया वक्त उनका !!
हमारे हिस्से मैं तो बस बहाने आया....-
शुक्र गुजार है उस खुदा का
जिन्होंने आपको
मेरी जिंदगी में ना सही!
मेरी हर इबादत में भेजा.
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