QUOTES ON #आराधना

#आराधना quotes

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21 JAN 2019 AT 7:49

भजन लिरिक्स

पूज्य चरण भगवान तुम्हारे
करे शीश झुका प्रणाम
तुम मालिक बलवान हो
रखते पूरी दुनियाँ का ध्यान।।

मैं हूँ एक इंसान जगत में
रब से मेरा नाता
भूल जग की मोहमाया में
शुभ नाम मुझे नहीं भाता।
प्रभु देना क्षमादान।।

पूज्य चरण भगवान तुम्हारे
करे शीश झुका प्रणाम
तुम मालिक बलवान हो
रखते पूरी दुनियाँ का ध्यान।।

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15 NOV 2019 AT 8:59

हे अजर अनघ
मन करत सयन
थक गए है नयन
डालो प्रकाश
तम का विनाश
कर दो हे नाथ
तुम हो उदार
हे दीनानाथ
तन दुग्ध धवल
बस कर उपवन
अब करत हवन
सब पुण्य करम
अब होत खतम
डालो प्रकाश
पापों का नाश
कर दो हे नाथ
तुम हो गणनाथ
हे दीनानाथ
#पंडित

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13 APR 2018 AT 7:50

खोना आदतों सा हो गया है
पर पाना इबादतों में ढूंढ रहा हुँ..

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29 NOV 2021 AT 9:37

"है बनना फ़कीर भी मंज़ूर मुझे गर मेरे महादेव हाथ मेरा थाम लें ।
मैं भटकूँ दर-ब-दर क्यों ही, जो मेरे प्रभु अपने चरणों में सारे धाम दें ।।"
- Vishaal "Shashwat..."

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5 AUG 2020 AT 14:38

सनातनी सभ्यता,हिंदुस्तान की शान..🚩🚩
अयोध्या नगरी राम की,हम राम की पहचान
जय हनुमान जय हनुमान जय हनुमान 🙏🙏

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28 AUG 2022 AT 14:36





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तुम्हारा दिया हुआ
फूल मिला
डायरी के पन्नों के बीच
कहीं
जो खो गया था
वैसे ही जैसे खो गयी
तुम
फूल देखते ही याद आता है
फूल का यौवन
कितना प्यारा, 😍
कोमल,हँसता सा
कई फूलों के बीच,अनोखा
कितना प्यारा लगता था 'फूल'
और फिर फूल याद दिलाता है 'तुम्हारी'
तुम्हारा यौवन
तुम कितनी प्यारी,😍
कोमल ,हँसती सी
लड़कियों के बीच,अनोखी
कितनी प्यारी लगती थी

किन्तु मुरझाए फूल से
याद आता है कि
तुम भी गयी होगी
मुरझा
मेरे भी गालों में तो
झुर्रिया पड़ गयी है...😊😄

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24 SEP 2020 AT 15:33

।। शिव ।।
तुम ही हो पूजा मेरी,
तुम ही हो शक्ति मेरी,
बनूं इस जन्म में अर्धांगिनी तेरी,
बस इसी आस से चल रही हैं
आज कल सांसें मेरी।।

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9 FEB 2020 AT 16:22

"ध्यान ऊर्जा आराधना , प्रतिमा लियो बनाय।
सकारात्मक लें भाव हो ,परिस्थिति विभिन्न दिखाय।।"

"नास्तिक अति आस्था व भी, जोड़ दिये कई झोल।
सात्विकता आधार हो , मूरत न माँगे मोल।।"

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30 JAN 2020 AT 9:24

अंशमात्र भी प्रेम तुम्हारे
मुझे नहीं संदेह
तुम भी मुझसे करते हो
मेरी भांति नेह
प्रेम भावना पुलकित है
अंग अंग इत देह
प्रीत आराधना समुचित है
हृदय पुष्प संग गेह
नयनों से झरझर बहती है
प्रेम रस जलधि मेह
प्रेम साधना साध के जाऊं
प्रेम लोक सदेह..

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