हार हार महादेव शिव ही शीतल हैं शिव ही रक्षा करने वाले भगवान शिव ही हमारे चारों तरफ से हमारे रक्षा करने वाले शिव शंकर भोले हैं जिनके क्रोध नित्य से पूरा पर्वत हिल जाती हैं यही हमारे भगवान हैं यही
हमारे भगवान शंकर भोले नाथ हैं ओम नमः शिवाये बोलों ओम नमः शिवाये धन्यवाद-अपराजिता राॅय ❤🙏-
चलो जो भी हुआ अच्छा हुआ
चलो जो भी हुआ अच्छा हुआ
अब से तुम अपनी जगा पे और
में अपने जगा पे।
धन्यवाद-अपराजिता राॅय ❤-
'वक्त के लिए बदलो खुद से दुआ करों"
Read Properly time is change your life Prayer for god wishing herself.-
सुनो
तुम मुझे एक "अपराजिता" कहते हो न...
परन्तु सत्य तो ये है मै सदैव....
होना चाहती हूँ "पराजित"|
क्योंकि मेरे मंतव्य से....
प्रेम मे बहुधा पराजित ही
तो विजेता होता है |
तो सर्वदा ये कहना उचित
होगा कि प्रेम आचरण से ही
पराजित होकर भी अपने मे
लिए होता है "विजयी भव"
का शाश्वत आशीर्वचन |
..
तो मुझे होने दो पराजित....
और तुम बने रहो "विजयी भव"|-
रुनुकी-झुनुकी एगो बेटी मांगिले...
पढ़ल पण्डित दामाद...
हे छठी मईया...
सुन लीं अरज़िया हमार...-
यह रचना है स्त्री की जिसे ईश्वर ने बड़ी सुंदरता से बनाया है
बाहर से अत्यंत नाज़ुक किन्तु अंदर से मजबूत बनाया है
बड़ी ही विनम्र सुशिल पारदर्शिता से भरी जिसकी काया है
ये दुहिता है अपराजिता है इनमे माँ काली भी साया है
हाँ यह नारी है जिसके ह्रदय मैं सारा ब्रह्माण्ड समाया है..-
किस खुशी, किस खासियत का, खामोश रह कर इरादा रखते हैं,
किसी से न जाने क्या-क्या हम भी वादा करते हैं !-
सोलह सोमवार की,
इक साँझ को,
दिल की,
दहलीज पर अपनी,
बैठी वो,
गिन रही थी,
अँगुलियों के पोरों पर,
अपने सत्रहवें सावन मे,
बरसी बारिश की उन बूँदों को,
जो मन के अहाते में,
सोते समय,
गिरी थीं,
इच्छाओं की टूटी खपरैल से,-