नहीं सुनते तो ग़म न कर, भला कहने से मतलब रख,
भलाई कर, भला होजा, भले रहने से मतलब रख।-
अच्छाई का जमाना नही है ए दोस्त
यहां सिर्फ एक sorry से खेल पलट जाएगा।
गलती चाहे किसी की भी हो
तुमने sorry कहा दोष तुम्हारे सिर मढ़ दिया जाएगा।।-
मेरी बुराइयों का लिस्ट मत बना,
तेरी समझ नहीं आएगी |
मेरी अच्छाई तुम समझ नहीं पाई,
बुराई ख़ाक समझ पाएगी||-
हम कभी भी अपने दुश्मनों पर आगे या पीछे से वार नहीं करते।
हम अपने दुश्मनों के दिल और दिमाग पर वार कर उनके सोच को ही बदल देते हैं।-
मेरी कोई भी लेखनी
उन्हें कागज़ पर फैली महज़ एक स्याही नज़र आती है
सही कहते हैं लोग
अच्छों को हर चीज़ में अच्छाई
और बुरों को बुराई ही नज़र आती है-
हज़ार अच्छा करले तू किसी के लिए,
अंत में तेरी गलतियों के ही कसीदे पढ़े जाने है,
मत बदल तू खुद को किसी के लिए भी,
तुझे बदलता देख वो ही सबसे पहले चले जाने है!-
सावधान (caution)
हद से ज्यादा अच्छाई भी
अक्सर बुराई की वजह बन जाया करती है-
दिखावे के लिए अच्छा बनना बंद करो.. असलियत एक ना एक दिन सबको पता चल ही जाती है।
क्योंकि आजकल लोग सीरत भी देखकर पसंद किया करते हैं।-
बुराई का प्रतीक मानते जिसे, अच्छाई को भी उसकी जान लो
कुछ बुराइयों के धब्बों को छोड़, अच्छाई को भी उसकी पहचान लो।।
महा तेजस्वी, महा ज्ञानी दशानन था जिसका नाम
महा पंडित रावण की रचना शिव तांडव स्तोत्र, राजनीति का सम्पूर्ण ज्ञान।।
माना थे मायावी, रखते थे तंत्र और ज्योतिष का ज्ञान
इंद्रजाल जैसी अथर्ववेद मूलक विद्या का रावण ने ही किया था अनुसंधान।।
वेदों के ज्ञाता, शास्त्रों के रचयिता
अंक प्रकाश, नाडी परीक्षा आदि पुस्तकों का रावण ने ही की रचना महान।।
शिव भक्त रावण, महान संगीतकार
महा योद्धा ने ही किया था आयुर्वेद का निर्माण।।
परिजनों की रक्षा को प्रतिबद्ध, नारी को करते सम्मान
एक भूल के कारण दीया हमने जिसे बुराई का नाम।।
दोष का प्रतीक कहते जिसे, अच्छाई को भी उसकी जान लो
कुछ खोट के धब्बों को छोड़, अच्छाई को भी उसकी पहचान लो।।
बने रहो रावण, बस बुराई का स्वयं से संघार करो
मानव हो मानवता से ही इस धरती का कल्याण करो।।-