तुम सब जानते हो
अपने मन को टटोलो
अपने दिल की सुनो और
अंतरात्मा का ध्यान करो
हर मुश्किल हल हो जाएगी
हर सवाल का जवाब मिल
जाएगा ।।
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कुछ लिखते वक्त
कुछ सुनाने वक्त
या किसी से कुछ बतियाते वक्त
वो *मौन खड़ा मुझे देख रहा है
जिंदगी को फुसलाते वक्त
*वो - मेरी अंतरात्मा-
तुम्हारे...
वियोग की अग्नि में तपती,
मैं....
"तुम्हारी वियोगिनी" (प्रेमिका),और....
तुम ,
ओस की बूँद से,
कल्पनाओं में भी अस्थिर,
हृदय में विचरित,
वास्तविक हो के भी
अस्तित्वहीन,
शून्य में विलीन,
"मेरे ईश्वर "(प्रेमी),
अदृश्य और अप्रकट,
पर...
मेरी कल्पना (मन) में छपी,
तुम्हारी अमिट छवि,
मेरे...
मन को शांति देती,
तुम्हारा स्मरण,
ऐसी...
गहन अनुभूति ,
जो तृप्त कर दे,
"अंतरात्मा" !!-
स्वयं ने स्वयं से नाम और तत्वों की खोज बहुत कर ली और बहुत कुछ पाकर कुछ पाया भी नहीं! अब स्वयं की आत्मा से अंतरात्मा में ब्रह्म बन परब्रह्म परमात्मा की खोज करनी है!
स्वयं से स्वयं को अंतरात्मा से बहुत कुछ दिखाना है
जो स्वयं का हीं ना हों! अब स्वयं आनंद से ब्रह्मानंद परम आनंद स्वरूप परमात्मा आदि परा प्रज्ञा शक्ति स्वयं मैं महसूस कर स्वयं को दिखाना है। ब्रह्मांड में परब्रह्म महामहिम परम महात्म्य परमात्मने को देख सत्य शिव मार्ग नारायण बन आनंद को परब्रह्म स्वयं दिखाना है।-
पाषाणखंडांच्या माहात्म्यांचा
अंतरा तू आळवीत राहिलास...
अंतरीच्या अंतरात्म्याला
अंतर तू देत राहिलास...-
अंतर्मन में स्वयं का अहम्
अधैर्य से हो उत्पन्न वहम्
क्रोध करे निर्णय का गहन
तब होता 'विश्वास' का पतन
ईर्ष्या द्वेष में शान्ति का भग्न
भोग विलास से हो मन मग्न
छणिक सुख करे स्त्री का हरण
तब होता 'संस्कार' का पतन
मय करे भग्न शास्त्रविहित कर्म
तृष्णा क्षोभ से भावना हो नष्ट
निष्ठुर मन बल से करे प्रेम अंत
तब होता 'अन्तरात्मा' का पतन ।
-Worst person
,
-
अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनाई देगी
भाग रहे जिस सच्चाई से
वो प्रत्यक्ष दिखाई देगी
खुद को आवाज़ लगा कर देखें...-