फिर हाज़िर हैं आपकी अंजुमन में कोई
फिर हाज़िर हैं आपकी अंजुमन में
कोई नया दर्द हो तो ज़रूर देना
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हमरी किस्मत में तो सिर्फ यादें हैं तुम्हारी,
जिसके नसीब में तू है उसे ज़िन्दगी मुबारक-
स्वरचित गीत
नेता जी हमरी सुनो , मत जइयो तुम भूल।
जनता की सुनियो सदा, मत गइयो तुम रूल।।
वादे कीन्हे है बहुत, उनकी रखियो लाज,
वादे पूरे सब करो, सबका करियो काज,
आँख दिखाना ना कभी, बन रइयो तुम कूल।
जनता की सुनियो सदा ,मत गइयो तुम रूल।
ताज दिया जो आपको, रखना उसका मान,
लोकतन्त्र की आन है, करना तुम सम्मान,
धोखा ना देना कभी, बन रइयो तुम धूल।
जनता की सुनियो सदा, मत गइयो तुम रूल।
नेता जो धोखा करे, जनता लेती भाँप,
रौद्र रूप जनता धरे, तड़पे जैसे साँप,
नतमस्तक रहना सदा, बन रइयो तुम फूल।
जनता की सुनियो सदा, मत गइयो तुम रूल।
जहर उगलियो ना कभी, रखियो सबका साथ,
धर्म, जाति से दूर रह, करियो मन की बात,
कट्टरपंथी सब डरें, बन रइयो तुम शूल।
जनता की सुनियो सदा, मत गइयो तुम रूल।
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चेहरे पर सुकून तो बस दिखाने भर का है ।
वरना बेचैन तो दिल जमाने भर का है ।-
मेरा हाथ छोड़कर जाना जरूरी था क्या
दूर जाकर अकेले में रोना जरूरी था क्या
लाख भुलाना चाहूँ तुझे भूल न पाऊंगा
झूठा मोहब्बत करना मुझसे जरूरी था क्या..!मेरा हाथ छोड़कर जाना जरूरी था क्या
दूर जाकर अकेले में रोना जरूरी था क्या
लाख भुलाना चाहूँ तुझे भूल न पाऊंगा
झूठा मोहब्बत करना मुझसे जरूरी था क्या..!-
नाम था हमारी गली का
लोग इज्जत से नाम लिया करते थे
कुछ खिडकिया, कुछ दिवारे क्या टूटी दिल की
लोगोने बदनाम कर दिया...-
बहुत दिनों बाद इनका चेहरा देखा
हमे इतनी खुशी मिली कि,हमे लगा
कितने सालो बाद उनका चेहरा देखा,
हमरी आंखे भी तरस गई थी उनको देखने के लिए।।-