खाली कंधों पर थोड़ा सा भार चाहिए
मैं बेरोजगार हूँ साहब रोजगार चाहिए
जेब में पैसा नहीं है डिग्री लिए मैं फिरता हूँ
दिनों दिन मैं अपनों की नजरों में गिरता हूँ
संकट के भाग दौड़ में एक मुक़ाम चाहिए
अंधेरा पड़ा है घर में रोशनी मशाल चाहिए
बेरोजगार हूँ साहब................
टैलेंट की कमी नहीं है भारत की सड़कों पर
भरोसा करो तुम हम जैसे इन लड़कों पर
लिखते-लिखते मेरी कलम की स्याही मिट गई
नौकरी अब कैसे मिले जब नौकरी ही बिक गई
बेरोजगार हूँ साहब.... ..............
रात दिन पढ़ाई कर कापियों से घर स्वरूम बन गए
बात आई नौकरी की किताबें कबाड़ी को बिक गई
भ्रष्टाचार और रिश्वत से अब लोग नौकरी खूब पा रहे
जो नहीं लगा सकता जुगाड़ वह अब धक्के खा रहे
बेरोजगार हूँ साहब .....................
वक्त सभी का आता है जो आता है वह जाता है
आज शिक्षा सी वह कठपुतली इधर उधर चलती है
शिक्षिति व्यक्ति आज समय बेरोजगार बन जाता है
अशिक्षित मनुष्य आज समय रोजगार हो जाता है
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कपड़े तो सिर्फ पर्दा होते है जनाब,
हिफ़ाज़त तो निगाहो से ही होती है ..!!-
कभी बैठो मेरे पास एक सच्ची संघर्ष की कहानी बताते है
उस दिल्ली और इलाहाबाद की जुबानी बताते है ,बताते है ओ दस बाई दस का कमरा
खा कर दाल चावल चोखा दुनिया कैसे गोल है ये उनकी जुबानी बताते है
ओ पापा की डाट , बगल वाले चाचा के ताने ओ पंखे पर जमी दुल पुरानी बताते है
बताते कई कमरे राज गहरे , उसमे खोई जवानी बताते है
ओ नुक्कड़ की तिवारी की चाय पुराने बताते है
बताते है ओ रिजल्ट न आना , भ्रष्ट सरकार बताते है
ओ भरी ट्रेन का सफर सुहाना बताते है
ओ गांव न जाना दिवाली होली यही मनाना
बताते है ओ स्कूल कालेज का किस्सा पुराना
ओ हस्ते चेहरो के साथ उदास हो जाना
ओ चुपके से रोना रो कर फिर हसना
ओ मम्मी की बाते ओ गांव की यादें
बताते है सब कुछ खोआकर कुछ न पाना
ओ खुद से बाते करना झूठे मुस्कान से हंसना
ओ रातों को नीद न आना उठ कर फिर पढ़ना
बताते है ओ लम्बी रात होना जिस दिन है रिजल्ट का आना
रिजल्ट में नाम का न होना किसी कोने में कमरा बन्द कर रोना
ओ फिर उठना उठ कर चलना सपनो को देखना देख कर पिरोना
ओ कोचिंग की दलदल की कहानी
ओ रिजल्ट न आने पर कमरे में पंखे पर लड़की लाश पुरानी ये बेसमेंट में भरा ओ पानी
जिसे कई जिंदगियों ने न बना पाई अपनी कहानी
संघर्ष की छोटी सी कहानी बाबा की जुबानी
बताते है........
❣️......✍🏻✍🏻@लोक-
कभी बैठो मेरे पास एक सच्ची संघर्ष की कहानी बताते है
उस दिल्ली और इलाहाबाद की जुबानी बताते है ,बताते है ओ दस बाई दस का कमरा
खा कर दाल चावल चोखा दुनिया कैसे गोल है ये उनकी जुबानी बताते है
ओ पापा की डाट , बगल वाले चाचा के ताने ओ पंखे पर जमी दुल पुरानी बताते है
बताते कई कमरे राज गहरे , उसमे खोई जवानी बताते है
ओ नुक्कड़ की तिवारी की चाय पुराने बताते है
बताते है ओ रिजल्ट न आना , भ्रष्ट सरकार बताते है
ओ भरी ट्रेन का सफर सुहाना बताते है
ओ गांव न जाना दिवाली होली यही मनाना
बताते है ओ स्कूल कालेज का किस्सा पुराना
ओ हस्ते चेहरो के साथ उदास हो जाना
ओ चुपके से रोना रो कर फिर हसना
ओ मम्मी की बाते ओ गांव की यादें
बताते है सब कुछ खोआकर कुछ न पाना
ओ खुद से बाते करना झूठे मुस्कान से हंसना
ओ रातों को नीद न आना उठ कर फिर पढ़ना
बताते है ओ लम्बी रात होना जिस दिन है रिजल्ट का आना
रिजल्ट में नाम का न होना किसी कोने में कमरा बन्द कर रोना
ओ फिर उठना उठ कर चलना सपनो को देखना देख कर पिरोना
ओ कोचिंग की दलदल की कहानी
ओ रिजल्ट न आने पर कमरे में पंखे पर लड़की लाश पुरानी ये बेसमेंट में भरा ओ पानी
जिसे कई जिंदगियों ने न बना पाई अपनी कहानी
संघर्ष की छोटी सी कहानी बाबा की जुबानी
बताते है........
❣️......✍🏻✍🏻@लोक-
एक किताब लिखेंगे, उसमे अपने सारे राज लिखेंगे
लिखेंगे उसमे तुमको अपना , उसमे की हर बात लिखेंगे
ओ हस्ते झुमके तेरे खुले बाल लिखेंगे
लिखेंगे माथे की तेरी हस्ती बिंदी, तेरे हाथों की गगन चूड़ी अपने नाम लिखेंगे
लिखेंगे कोई साम जो हमने गुजरे ख्यालों में एक साथ , तेरा यू मेरे में सिमट जाना अपने नाम लिखेंगे
लिखेंगे......❣️
लिखेंगे ये हसता सावन , प्रेम में तेरे पड़ा बाबा सब कुछ तेरे नाम लिखेंगे
लिख देंगे ये हस्ती कलिया , फूलो पर भौरे साथ लिखेंगे
लिख देखे ओ साम जो साथ न बीते , बीते बहुत दिन और रात
लिखेंगे सारे जब्बात तेरे आने जाने की सारे खयालात
लिखेंगे...............❣️
लिखेंगे यू रात भर जगना , तेरे ख्यालों में जुगनू सा जलना
लिखेंगे तेरा न होना , तेरा न होकर तुझको जीना
लिख देंगे सारी दुनिया अगर तेरा नाम लिखेंगे
लिखेंगे........❣️
❣️.......✍🏻✍🏻@लोक-
हम भी एक किताब लिखेंगे ,
जिसमे सारी बात लिखेंगे ,
उसमे अपने ख्वाब लिखेंगे ,
कुछ टूटे ख्वाबों का हिसाब लिखेंगे....!!
ऐसी एक किताब लिखेंगे.......
कुछ अपने एहसास लिखेंगे ,
कुछ छिपे हुए राज लिखेंगे ,
कुछ खुद के बदलते हालात लिखेंगे...!!
ऐसी एक किताब लिखेंगे......
कुछ अनकही जज्बात लिखेंगे ,
फिर खुद को संभालने की बात लिखेंगे ,
कुछ दोस्तो का साथ लिखेंगे ,
कुछ लोगो के बिछड़ने की बात लिखेंगे,
फिर खुद से खुद की कही गई बात लिखेंगे..!!
ऐसी एक किताब लिखेंगे.....
जिन्दगी पर एक ऐसी किताब लिखेंगे,
जिन्दगी में आय उतार चढाव की बात लिखेंगे ,
जिसमे कुछ सुनी— सुनाई बात लिखेंगे,
अपनो के बदलते लहजे का हिसाब लिखेंगे ,
हम भी एक किताब लिखेंगे
जिसमे सारी बात लिखेंगे.......❣️
❣️......✍🏻✍🏻✍🏻&hweta-
कैसे बताऊं की मेरा मसला
तुम नहीं हो ,,
मेरा मसला ये है के बस तुम
नहीं हो.....................!!!!
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तुम्हारे नहीं होते हुए भी.,
सिर्फ़ तुम्हारा होना इश्क़ है...!!
तुमसे दूर रह कर भी.,
तुम्हारे करीब होना इश्क़ है ......!!
उम्मीदें टूट जाने पर भी.,
सिर्फ़ तुमसे ही उम्मीद करना इश्क़ है...!!
तुम पर मरते हुए भी.,
तुम्हारे लिए ही जिए जाना इश्क़ है...!!
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सुनो.......💞
अगर मन भर जाए तो बता जाना
मैं प्रेम में पड़ी स्त्री हूं....
मैंने रुकना नही जाना
मुझे तुम छोड़ कर मत जाना
मुझे तुम तोड़ कर मत जाना
मुझसे मुंह मोड़ कर मत जाना
अगर मन भर जाए तो बता जाना...
जब कोई और पसंद आए मन को कोई और भाए
मन में छल जाने का विचार आए
मेरा विश्वास तोड़ने का सोच पनप जाए
तुम बस बता जाना......
मैं मुस्कुरा कर तुमको जाने दूंगी
मैं मुस्कुरा कर तुमको उसका साथ निभाने दूंगी
बस साथ छोड़ने से पहले
वन्हा छोड़ आना जन्हा से साथ लाए थे
तुम बस बता जाना........❣️
❣️......✍🏻✍🏻&hweta-
कुछ भी पहनो तुम, सब जचता है
ज़ेवर,गहना कहाँ मायने रखता है,
बस एक बिंदी लगा लो माथे पर,
फिर देखो कैसे ये चाँद भी तुमसे जलता है.....
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