YQ Sahitya 13 MAR 2021 AT 19:52 ग़ैरों से कहा तुम ने ग़ैरों से सुना तुम ने कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सुना होता - कोरा काग़ज़ 10 FEB 2021 AT 19:27 हबीब - Arif Alvi 8 APR 2021 AT 0:55 हबीब जिसको ख़ुदा बनाएसभी से उसको जुदा बनाए दुआ उसी की करूँगा अब मैंउसे भी मुझ पर फ़िदा बनाए नज़र हो उसकी शराब जैसीज़रा नशीली अदा बनाए ग़ज़ल के जैसे सुनूँ मैं उसकोरदीफ़ उसकी सदा बनाएउसी की 'आरिफ़' तेरी मोहब्बतउसी को तुझ पर निदा बनाए - Arif Alvi 22 FEB 2021 AT 14:23 Paid Content - Arif Alvi 22 JAN 2021 AT 0:53 Paid Content - Arif Alvi 12 FEB 2021 AT 0:08 Paid Content - कोरा काग़ज़ 11 FEB 2021 AT 20:43 - कोरा काग़ज़ 11 FEB 2021 AT 20:42 - SweTa 28 MAY 2020 AT 18:00 ऐ जिन्द़गी कितनी गम़शीन है तू होठों पे तबस्सुम ,,,फ़रेब का आशुफ़्ता जिन्द़गी ,,बिन हबीब का ।। - Arif Alvi 16 MAY 2022 AT 19:10 नज़र के जब से क़रीब हो तुमतभी से मेरा नसीब हो तुमख़ुदा से तुमको मैं माँग लूँगाक़सम से मेरे हबीब हो तुमग़ज़ल में इक दिन लिखो मोहब्बत सुना है उम्दा अदीब हो तुमवफ़ा को मेरी क़ुबूल करकेबने क्यों सबके रक़ीब हो तुमसुनो न 'आरिफ़' पुकार उनकीमिलो न उनसे, अजीब हो तुम -