काम क्रोध मद लोभ हर लीजै श्रीमान
बल बुद्धि विद्या हमें दीजै-
कि फिर से लहरा रहा, भगवा श्री राम का ।
जन्मा है आज वो जो, अंश है महाकाल का ।।-
ब्रज देह , ब्रज धरे ,,
नाशे देत्य अशुर ।।
संकट भय काटे ,,
महाबली कपिसुर ।।-
लक्ष्मण सा मूर्छित पड़ा सारा संसार,
हे हनुमान! अब तो गर्भ मे आओ
वैद्य सुषेण से डॉक्टर है यहां पर,
बस संजीवनी सा आँक्सीजन ले आओ-
Dil ko nhi ab, talaash kisi aur
mohabbat ki, woh khud hi khud meh
mohabbat ka zariya hai, jo samajh sake tum
toh mohabbat ka saagar, aur nahi samajhe
toh saadharan sa, sirf lahoo ka dariya hai.
दिल को नहीं अब तलाश, किसी मोहब्बत
की, वो खुद में ही मोहब्बत का ज़रिया
है, जो समझ सके तुम तो इश्क़
का सागर, और न समझे तो
साधारण सा लहू का
दरिया है।
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दुनिया में सिद्ध देवता 🙏
हनुमान तुम्हारा क्या कहना ❣️
लव खामोश है पलकें झुकी हुई है
आपकी शरण में 🌹
हनुमान तुम्हारा क्या कहना ,
जय राम जय श्री राम 🌺-
सम्राट
भक्ति तुम्हरी हम करे भोर सांझ दिन रात
कष्ट हरो मंगल करो जग को दो सौगात
स्वास्थ्य समृधि हर्ष खुशियों की बरसात-