यात्रा सुगम हो गयी
जब स्वयं को उतार कर चलने लगा।-
2 APR 2021 AT 21:38
प्रेम आपको पीड़ा तक ले जाता है
और पीड़ा प्रभु तक।
मार्ग सुगम और सरल है।-
3 JAN 2022 AT 13:17
चाॅकलेट से मीठे लम्हे हों, बस खुशियों की धूम हो।
और हमारे बच्चों-सा ही, नया साल मासूम हो।।-
12 JAN 2022 AT 16:56
दुनिया भर में बांट कर अंतस का आनंद।
कर्म-वाणी से जीत जहां को बने विवेकानंद।।-
1 JAN 2022 AT 14:00
ईमान की ज़मीन दे, मेहनत का आसमान।
क़िस्मत दे नए साल में समृद्धि का सम्मान।।-
3 JAN 2022 AT 13:20
फ़िज़ा रंगीन थी, मौसम का भरम था मुझको।
उनकी खुशबू थी, फूलों का वहम था मुझको।।-
3 JAN 2022 AT 13:05
कभी खुशियाँ बरसती हैं
ग़म से संग्राम होता है
देख कर अपनी परछाई
दिल को आराम होता है!-