QUOTES ON #सुखदुःख

#सुखदुःख quotes

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29 JUN 2019 AT 13:33

शब्दविहीन है
अवचेतन मेरा
भाषा अनभिज्ञ
जान पड़ रही है
और भाव विभ्रमित
जूझ रहे दैहिक स्तर
पर अव्यक्तता से
हिय आविर्भूत है
कृतज्ञता से,
सुख से, प्रेम से

क़लम मिथ्यालाप नहीं
करना चाहती,भाव
भावना मंद पड़ रही है
सुख सुख लग रहा है
और दुःख आनन्द
प्रेम प्रगाढ़ होता
जा रहा है
शायद.......
मन मौन को
पचा रहा है!!

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15 JUL 2019 AT 7:52

जो अपनों से ज्यादा
लोगों में खुशी ढूंढता है
शायद वही अकेले रह जाता है

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सृष्टि चलायमान है
समय को कोई रोक कहाँ पाया है
सुख दुख दो स्थाई पहलू हैं
सम्मिलन बिन्दु पे जीवन उदासीन कहलाया है

खुशी में मुझे हँसना है यारो
दुख में रोना आँसू हजारों

पर दुख में दुख ना हो
खुशी में खुश ना हो
इतना पत्थर बनूँ
उससे पहले मेरी मौत हो
वो आके कहे 'प्रेम' है तुमसे
और मैं जड़ शून्य मौन बनूँ
उससे पहले मेरी मौत हो

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9 SEP 2021 AT 10:19

मेरे साथी
क्यों की दुख ही
सुख का अनुभव कराता है

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17 JUN 2019 AT 13:16

ज़िन्दगी ने मुझे हज़ार बार आज़माया
जब भी मैंने किसी को नीचा दिखाया

अपनी उम्र लगा दी इसको बनाने में
इसने मुझे फ़िर भी बहुत बार हराया

मेहनत पर हर बार मुझे मंज़िल मिली
एहसान तो इसने फ़िर भी ना जताया

बेदर्द लोगों से जब भी मुझे धोखा मिला
सिर्फ़ यही है एक जिसनें मुझे समझाया

दुनिया में लोग अच्छे-बुरे जैसे भी हैं लेकिन
किसी से मैंने कभी भी दिल ही नहीं लगाया

भूल गया इसको दूसरों को रिझाने में "आरिफ़"
इसने फ़िर भी मुझे हर बार दिल से अपनाया

इसका साथ ना होता तो "कोरा काग़ज़" होता
कलम चलाना तो मुझे बस इसी ने सिखाया

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16 FEB 2020 AT 13:25

सुर्ख़ लाल सिंदूर से भरी नारी की मांग,
दुनिया का 'एकमात्र' "सुखद बंटवारा" है।

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16 JUN 2019 AT 21:55


ये तो ज़िन्दगी का चक्रव्यूह है जो
हमेशा संग चलता रहता है
ज़िन्दगी के इस सफर में ही
तो अपने और पराये लोगो की
पहचान होती है
कभी बेरंग होकर भी रंग बिखेर जाती है
तो कभी रंगीन दुनिया भी बेरंग हो जाती है
यही ज़िन्दगी का आधार है
सुख दुख चलता रहता है

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15 JUN 2019 AT 9:00

दिल मिरा टूटा गया बस अहसास से खुश़ हूँ
काँच सा बिखरेगा सिर्फ़ उसी बात से खुश़ हूँ

जिस्म कोई छूकर पाने की चीज़ नहीं ज़ालिम
तवायफ़ भी बोल उठी मैं अपनी ज़ात से खुश़ हूँ

वो आये किसी और के प्यार का लतीफ़ा देने
उनको देख मैं अब बस अपनें हालात से खुश़ हूँ

सूख गये ख़्वाहिशों के दरिया मिरे दिल में
इश़्क में डूबे प्रेमियों की मुलाक़ात से खुश़ हूँ

कई आये और हमें गोरे - काले में बाँट गये
पर मैं तो अब बस सभी के जज़्बात से खुश़ हूँ

सुख दुःख तो चलता रहता हैं ज़िन्दगी में "आरिफ़"
इतना मुझे मिल गया मैं बस इसी बात से खुश़ हूँ

ज़िन्दगी तो "कोरा काग़ज़" है कभी भी गल जायेगी
कलम ने लिखना सीख लिया इन्ही इनायात से खुश़ हूँ

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9 SEP 2021 AT 17:55

सुख-दुख की ना जाने
कितनी फाइलें रखी है इसमें
कौन कहता है कि सीने में अल्मारियाँ नहीं होतीं

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15 OCT 2019 AT 10:15

कभी हमें भी घमंड था अपनी खुशियों पर
अब खुला है दुखों का भंडार
देखते हैं कितने अपने-पराए बनते हैं
और कितने कराते हैं अपनेपन का एहसास

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