साकिया तिश्नगी की ताब नहीं
जहर दे दे अगर शराब नहीं-
24 JUL 2020 AT 21:05
मुझे साक़ी ने समझाया इशारों ही इशारों में
मेरे हिस्से की बाँटी जाएगी परहेज़गारों में
(अशोक साहनी )
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2 NOV 2018 AT 18:48
अंधेरे बिन ही दिए जलाता रहा हूँ
ख़ुदबखुद बेकार ही इतराता रहा हूँ
उसे कभी लगा ही नहीं कि वो मेरा साकिया है
मैं उसकी ही आँखों से पी के लड़खड़ाता रहा हूँ-
7 MAY 2019 AT 7:22
साक़िया तू निकल आ मयखाने में
आज बहुत से जज़्बात हैं दिल के तहखाने में
लत शराब कि नहीं है मुझे
लत लगी है तो बस चोट खाने में-