"It ain't pump and dump,
I'm HODL'ing you for life"
... said the crypto enthusiast-
अंतर्मन में द्वंद्व
विचारों में कोलाहल है
स्वयं को ही ढूंढना
समस्याओं का हल है
अनुकूल नहीं
परिस्थिति विकट है
शुभचिंतक भी
ना कोई निकट है
संदेह और उदासी
व्याकुलता और भय है
असंतुलित कार्यशैली
अस्थिर निश्चय है
समय ले रहा परीक्षा
स्वयं में कितना बल है
स्वयं को ही ढूंढना
समस्याओं का हल है— % &-
अर्ध निर्मित प्रेम
धँस गया इस भय में
संसार, संकोच
संदेह और संशय में-
क्यों कमी ये तेरी मुझ को, चुभती ही जाए
नींद भी खयाल अब तेरा, ही दोहराए
बीते जो पल मेरे, संग तेरे, खुशियों से भरे
ग़म भी ऐसा मिला, आंखों से, नमी ना जाए
तू, मेरा ना बन सका
तेरी दूरी है सज़ा
बिन तेरे कैसे रहूं
ये, जो तेरा शहर है
लग रहा ज़हर है
इसे कैसे मैं सहूं
क्यों चलुं वहां, ऐसी राहें जहां
हाथों में, ना हाथ तेरा
बेमतलब सा, लगे ये जहां
जिस में, ना साथ तेरा
लोग, जो इश्क में डरेंगे
ये जो कुछ करेंगे
मैं वैसा क्युं करूं
ये, ड़रते बिखरने से
आंसुं के झरने से
मैं टूटने से ना ड़रूं
(continued in caption)-
कद्र इतनी है उनकी
कि तारीफों के पुल बाँध दु फलक तक
मगर नाम जब वो पुछे मेरा
तो अल्फाज़ थम जाते हैं हलक तक-
उन से मिलने पर
दिल में होती है इक हल-चल
लेकिन सुकुन भी मिलता है ऐसे...
जैसे बिछड़ने से पेहले
मिल जाए कुछ पल
जैसे ग्रीष्म ऋतु में
मिल जाए शितल जल
जैसे परेशानी के समय
मिल जाए कोई हल
जैसे अंतिम साँस पर
मिल जाए कल्प-वृक्ष के फल-
नज़ारों में वो बात कहाँ
जो है तेरी इक झलक में
मैं बाशिंदा ज़मीन का
और तुम्हारा ठिकाना फलक में
शायद मुकम्मल ना हो ये हसीन ख़्वाब
तो बस रख लुँ ये पल पलक में
तुम पास नहीं होती तब बनता हुँ शायर
तुम्हारे पास आने पर...
हर लफ्ज़ थम जाता है हलक में
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Because self love is difficult
and it is difficult to not love you-