अरे जनाब !
हसीनों की गलियों में तो
हर कोई जाया करता है,
कभी फुर्सत मिले तो.....
गरीबों और बेसहारा लोगों की
गलियों में भी जाया करें।।-
मिलता होगा मन का चेता,हजारों में किसी एक को कर्म फल की अटल भोगना,भोगनी है प्रत्येक को
करम गति पर नहीं नियंत्रण,जग के रचयिता का है
कर्मसिद्धांत सब भांति छोड़ा,स्वविवेक करता पर है कर्म करो सत्कर्म करो तब, दुख नहीं हो हरएक को
सत की नाव, हिचकोले लेगी, कभी नहीं पर डूबेगी
सत्य कर्म का शुभ फल निश्चित,निश्चय ही वह तैरेगी सत्य और मधुर वचनों से,तृप्ति दे प्रत्येक को
कर्मगति को सत्य मान जो,करता है सत्कर्म यहां
सुख ही सुख मिले जीवन में,ना हो दुख का नामोनिशां,
दुष्कर्मों से दुख ही मिलता है, ऐसे निर्विवेक को
हजारों में किसी एक को.....-
हाँ शरणार्थीयों की कसोटी पर 'मैं असभ्य हूँ'...
क्यूँकी मैं सरल हूँ, सत्य हूँ, आदिवासी हूँ...-
कभी सोचा है, ना आते तेरे ख्वाब तो क्या होता?
जिंदगी हसीं गुजरती, खुशियों से मेरा भी राब्ता होता।-
सत्य हमेशा पानी में
तेल की एक बूंद के
समान होता है l
आप कितना भी पानी डाले
वह हमेशा ऊपर ही तैरता है l
इसलिए
सच्चाई और सच्चे सम्बंध
हमेशा कायम रहते हैं
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"भरा ज़माना सारा दुश्मनों से तेरे,
या तेरी ही किसीसे बनती नहीं है..."-
है परिवर्तन ही सत्य झूठ सबका साथ है
कुछ ना खोना कुछ ना पाना रिक्त रहते हाथ हैं..!!-
☆༆ सत्य वचन ༆☆
एक कड़वी बात बताए
आप follower बढ़ाना चाहते हैं..
लेकिन follow किसी को नहीं करना चाहते.....
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पढ़ने वालों की कमी हो गयी है
आज इस ज़माने में,
नहीं तो गिरता हुआ
एक-एक आँसू पूरी किताब है!😊-