स्त्री स्वयं एक शब्दकोश है।
उस पर कैसे कोई शब्दकोश हो।-
लिखी जा सकती गर ख़ामोशी
पढ़ी भी जा सकती जो
तो यौरकोट से भी ज्यादा लोग होते वहाँ।
बड़ी अलग सी होती है ये भाषा
जिसका व्याकरण तो है
मगर शब्दकोश नहीं।-
कहने को तो आप एक शब्दकोष हो पूरा,
फिर भी कई दफा लफ्ज़ लगता है हमें अधूरा..
दो पंक्तियों में ही बयां करते हो एक किस्सा,
महसूस होता है जैसे जिंदगी का एक हिस्सा..
पलकें बिछाए हम आपका इंतज़ार हैं करते,
ये बताइए, आप हर रोज़ क्यों नहीं लिखते?
अल्फ़ाज़ हैं सरल, पर जुगलबंदी होती मुश्किल,
ऐसी छवि बनी है, जो कभी नहीं होगी धूमिल..
#For Deepak Goswami sir
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संवेदनाओं का शब्दकोश
सदैव साक्षी रहेगा कि
संगत सिर्फ़ संयोग मात्र नहीं!
सात्विक चितवन से निभाई गई है।-
बुद्ध हो जाने का अर्थ है
शुद्ध हो जाना
इस मिलावटी युग में
कोई शुद्ध नही हो सकता
क्युकी ज्ञान वितस्तृत करने से
ज्ञान अर्जित करने तक
साअर्थ ज्ञान का स्वं
नियमित रूप से अनुष्ठान
पाठन पालन करना जरूरी है,,,,,-