विवेकानंद की बात कह
कर रहे समर्थन
विवेकानंद के विरोधियों का-
"आप इतने उन्मुक्त विचारों को स्वच्छंद रूप से सार्वजनिक मंच पर क्यों लिखते हैं?"
"अगर मैं कभी राजनीति में उतरा तो विरोधी दल को मेरी छवि धूमिल करने का अवसर मिले।"-
मैं कट्टर विरोधी हूँ
उन प्रत्येक व्यक्तियों
और दो कोड़ी के
उस समाज की
जो नि:संतान होने पर
स्त्री को अपूर्ण बताता है,
और मैं उन स्त्रियों को
बांझ बताती हूँ
जिनसे खुद स्त्री होकर
एक स्त्री का दर्द
समझा नही जाता है।-
मैं तुझसे दूर जाती हूँ,
ये तेरे पास आता है,
दिल अब मुख़ालिफ़ हो चला है..-
जैसे हो जीजे की
सालियां।।
सभी विरोधी पार्टी
वालियां।।
खड़ी रहो भले तुम
रास्ता रोककर
जबकी तुमको भी मालूम है
रिबन कटेगा
शगुन बंटेगा
जीजा तो आएगा
दुल्हन ले जाएगा
और रह जाओगी तुम
मात्र बजाती तालियां।।-
मुझमें कमियां ढूंढने वालों,😏
ढूंढना ही है, तो मेरे लिए गिरिलसखी ढूंढो।
🙈😂🙈-
जितना मेरे विरोधी मुझे ठीक से पढ़ते सुनते हैं,
उतना तो मेरे चाहनेवाले भी नहीं सुनते पढ़ते।
😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀
उनका एकमात्र लक्ष्य मुझे नीचा दिखाना है,
अहंकार को बढ़ावा देकर खुद को मूर्ख बनना है।
🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔
पर मैं इनके तौर तरीकों से नहीं डरता और
ना ही मुझे अपने लिए कोई फर्क है पड़ता।
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
पहचानता हूं उन्हें तो उन्हीं की चिंता होती है,
बाकी मैं यूं ही किसी अंधभक्त से नहीं जुड़ता।
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️-
नमक-हरामों वाली हरकत
देखी नमक-हलालों की।
भ्रष्टाचार-विरोधी दावे, जय-जयकार दलालों की???
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विधायकों
को बचाकर
रखना हो तो
ये जगह ठीक है।
ना तो विरोधी
पहुंच पाए,
ना ही कोई
नेटवर्क।
😊देख लो साहेब😊
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अकेले खड़े होना सीखिए
आपके पीछे पूरा समाज आपके नेतृत्व में आगे बढ़ेंगे-