# # जाने वो कब तक आएंगे # #
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ले विदा गए थे जब मुझसे,
नीत संदेशा तुम्हें पठायेंगे।
कह गए मिलन की सेजों पर,
वादा हम नहीं भूलायेंगे।।
न जाने वो कब तक आएंगे।।
पूछे चूड़ी कंगन सब,
बहते आंसू का मोल है क्या।?
हाथों की मेहंदी होठों की लाली,
शायद ये भी फीके पड़ जाएंगे।।
न जाने वो कब तक आएंगे।।
कश्ती डूबी साहिल छुटा,
माझी मझधार में छोड़ गये।
ले चल ''आजाद" विरानों में,
जहां दिल का दर्द सुनाएंगे।।
न जाने वो कब तक आएंगे।।
सुमन्त कुमार आजाद
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