माई स्वर शब्द, माई अर्थ,
माई ही परमार्थ,
माई कर्म, माई भाग्य,
माई शक्ति भाव..
माई आदि अनन्त..
जय माँ आशापुरी,
माँ विंध्यवासिनी,
जय हो राजराजेश्वरी
मात जगदंबा भवानी..
🙏🏼🌹🚩🪔🚩🌹🙏🏼-
माई स्वर शब्द,
माई अर्थ,
माई ही परमार्थ,
माई कर्म,
माई भाग्य,
माई शक्ति भाव..
माई आदि अनन्त..
माई जय माँ आशापुरी,
माई माँ विंध्यवासिनी,
माई जय हो राजराजेश्वरी
माई मात जगदंबा भवानी..
🙏🏼🌹🚩🪔🚩🌹🙏🏼-
शुभ-अमृत-रस बरसाने वाली
माँ सुन ले मेरी विनती
मेरी सारी विपदा,व्याधि
क्लेश का अवसान कर दे ,,
सुख-समृद्धि ,शक्ति-उक्ति
विवेक-विद्या को सबल कर
मेरे दामन में माँ विंध्यवासिनी
अखंड-सौभाग्य का वरदान दे दे ।-
हृदय की पीड़ा मां ही समझे है..
जीवन का श्रृंगार मां से हीं बने हैं..
मां हीं यथार्थ प्रेम की गाथा रहीं हैं..
मां की दुआओं से हीं आज हम खड़े हैं।
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जय हो माई मेरी ममतामयी दात्री जी..
बरसे अमृत विंध्यवासिनी अम्बे माँ दरबार..
बरसे प्रेमकृपा बदरिया मेहरोवाली अम्बे माँ..
बरसे रस बन ममता की अमृत फुव्वार अम्बे माँ..
सोवे लाल चुनरिया सोलह श्रृंगार अम्बे माँ भवन..
मैं बालक तू माता शेरां वालिए, है अटूट ये नाता शेरां वालिए..
शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ, मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ जगदंबा विंध्यवासिनी राजराजेश्वरी मातेश्वरी..✍🏼🐦-
विंध्य की तपोभूमि, जहां विराजे महारानी,
जाग्रत शक्तिपीठ विंध्यगिरि, भीमचंडी माँ।-
जय हो
जगजननी राजराजेश्वरी
विंध्यवासिनी मात भवानी,
आपकी सदा सर्वदा
जय जयकार हो
🙏🏼😌🔆📿🚩✨🐦✨🪔-
मैं ही महिषासुर मर्दिनी हूं
मैं ही नारायण संगिनी हूं
शीतल कोमल तो धरासुता
कृद्ध त्रिनेत्र सी अग्नि हूं
भूखंड प्रचंड से डोल पड़े
मैं ही मधु कैटभ भंजिनी हूं
मैं मातृत्व मैं ही कालिका
दैत्य रक्त पिपासिनी हूं
मैं अर्धनारीश्वर की आभा
मैं ही विंध्यवासिनी हूं
स्कंद देवरक्षा की ढाल लिए
मैं सर्वदैत्य संहारनी हूं
मैं ज्ञान दीप्ति मैं ज्योति अमर
मैं ही हंसवाहिनी हूं
पतिव्रता का सर्वोच्च शिखर
मैं वैदेही मिथिलावासिनी हूं
मैं वैदेही मिथिलावासिनी हूं-