न मस्जिद, न शिवालों में
न गिरिज़ाघर, गुरुद्वारों में
जिसे ढूँढ रहा था मन काफ़िर
वो मिला मुझे कुछ नेकदिल इंसानों में.....
गुरु ग्रन्थ और बाइबिल में,
इन गीता और कुरानो में !
है मानवता ही एक धर्म
लिखा है सभी पुराणों में......
हे पथिक ,
पढ़ लेना सारे वेद उपनिषद ,
पाओगे तुम एक ज्ञान
निज अहंकार से ऊपर होकर,
" वसुधैव कुटुम्बकम् " को ले दिल से मान .....
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