Anuup Kamal Agrawal 7 JUN 2019 AT 4:58 इश्क़ लिखकर रात काटी, इश्क़ पढ़ कर रात काटीइश्क़ जी कर रात काटी, इश्क़ मर कर रात काटी - Shweta 22 JUL 2020 AT 13:18 ख्वाहिशों की क़लम से बस इतना ही लिख पायी तुम मेरे हो न सकें और मैं तुम्हारी हो न पायी - Anuup Kamal Agrawal 5 MAY 2018 AT 3:29 तुम कहो तो खामोशी लिख दूँपर क्या तुम समझ पाओगी - Anuup Kamal Agrawal 19 JUN 2018 AT 8:00 इतना गहरा लिखने लगी हो आजकलडरता हूँ पढ़ने से कहीं डूब न जाऊँ - Anuup Kamal Agrawal 2 APR 2018 AT 5:31 तुझे पढ़ के वक़्त जाया करता हूँतुझे लिख के वक़्त जाया करता हूँकिसी और को नहीं सुनाता तेरे किस्सेबस खुद को ही सुनाया करता हूँ - Anuup Kamal Agrawal 3 FEB 2018 AT 10:09 पढ़कर सोचना न पड़े तो सोच को लिखना व्यर्थ है। - Anuup Kamal Agrawal 16 FEB 2018 AT 14:36 लिखते लिखते विराम ले लेता हूँमन ही मन तेरा नाम ले लेता हूँ - Anuup Kamal Agrawal 22 FEB 2018 AT 3:04 कभी पढ़ने का नशा हुआ करता थाअब लिखने की सनक चढ़ी है - Anuup Kamal Agrawal 14 FEB 2018 AT 13:28 प्रेम पर बहुत कुछ लिखा मैंने,बस लिख नहीं पायातेरे हृदय में अपना प्रेम। - Anuup Kamal Agrawal 13 FEB 2018 AT 4:54 मैं लिखता हूँ, जब मुझे दर्द होता है।जब तुम पढ़ोगे, तो शायद तुम्हें भी दर्द हो। -