#सरकारी नौकरी और रिश्तेदारों के ताने
वो सरकारी नौकरी की उम्मीद दिल मे दबाए बैठा हूँ।
परीक्षा परिणाम के नतीजों पर आंखें गड़ाए बैठा हूँ।
रिश्तेदारों के गले नहीं उतरती... कामयाबी मेरी
मैं तो समुद्री लहरों में भी कश्ती चलाये बैठा हूँ।
वो नुकीले..तानों के पत्थरो से जिस्म को छलनी करते हैं ।
पर मैं..मेरे जिस्म को ही... अब लोहा बनाये बैठा हूँ।
जिम्मेदारी के बोझों से दबा देते हैं वो मुझे।
और मैं जिम्मेदारियों को ही मंज़िल.. का रास्ता बनाये बैठा हूँ।
वो घमंडी..अब अदम समझते हैं मुझको।
मैं तो आसमानी उड़ानों में..अब अपने "पर" फैलाये बैठा हूँ।-
जहरीले सांप तो बहुत होंगे पर
सबसे बड़ा जहरीला सांप वो
जिसका नाम "रिश्तेदार" होता है
जो हर मोड़ पर फन फैलाए बैठता है।।-
कुछ इस तरह से वक्त को बर्बाद करते है,
जब पास कोई ना हो,खुद से खुद की फ़रियाद करते है।
आजकल खुद से नाराज हो गए है,
कुछ मुश्किल सवालों के जवाब हो गए है।
हर किसी को समझ नहीं आते है,
लगता है कुछ ज्यादा समझदार हो गए है।
वो अजनबी ही ठीक था,अब तो हर बात पे ताना मारते है,
मानो जैसे रिश्तेदार हो गए है।-
किस बात का शोक ज़्यादा मनाऊं..
'रिश्तेदार' जो दुनिया छोड़ गये उनका
या जो 'रिश्ते' जीते जी मर गये उनका-
दूर होते रिश्ते बताते हैं कि साथ रहने के प्रयास में कमी है।
निश्छल निर्मल हृदय में आजकल अंतर्द्वंद्व की काई जमी है।
शायद अब रिश्तों की गर्माहट कम होती जा रही है साथियों।
इसलिए तो देखो न आज कल अपनों की आँखों में नमी है।
लगता हैं अब वो एक दूसरे से मन की बातें नहीं करते हैं।
इसलिए तो उनके बीच में उनकी आत्माएँ सहमी हुई है।
अब बस नाम के ही लोग एक दूसरे के रिश्तेदार रह गए हैं।
जब भी देखो तो ऐसा लगे कि अभी अभी गहमा-गहमी हुई हैं।
अब वो चॉकलेट, लेमनचूस वो बंबई मिठाई लेकर मामा नहीं आते।
बच्चों में गर्मी छुट्टी में नानी घर जाने की इच्छा की बड़ी कमी हुई है।
वो पार्क, वो चिड़ियाघर, वो ताल-तालाब अब सूने सूने से रहते हैं।
मोबाइल में सब कुछ मिल जाता हैं बच्चों को ये ग़लतफहमी हुई है।
दादा-दादी नाना-नानी की बातें अब तो सबको बोरिंग लगती हैं "अभि"।
चिल करना, कूल बनना पसंद है, आँखों पर मोर्डन धूल जमी हुई है।-
जब कोई रिश्तेदार घर आकर :
"जिंदगी की philosophy समझाने लगे।"
Then inside me : 👇👇👇👇-
रिश्तेदारों, नातेदारों, से बात करने से उत्तम है, कि
"YourQuote" पर Quote लिख दो।
अपने मन के विचारों को यहीं व्यक्त कर दो।।
सुना था.....
बात करने से रिश्ते अच्छे होते है,
पर बात करके पता चला कि झगड़े होते है।।-
रिश्तेदारों के ताने,फिर मेरे बहाने-
उस दिन बस ठान ही लिया था,
आज कुछ कर गुजुरूंगी,
हर एक रिश्तों के जंजीरें तोड़ निकलूंगी,
रिश्तेदारों को बातों से मुख मोड़ लूंगी,
छण में आसमां आ गिरी थी मुझपे,
मेरे अहं तारों से जा टकरा फिरी थी,
हम करें तो बहुत बड़े नालायक,
ख़ुद के बच्चे हर जमीन से लायक,
मेरे अरमां को मेरे इज्ज़त से ला तौला,
उनके नजर में मैं हूं बहुत बड़ी मस्तमौला,
रिश्ते के आगोश में बढ़ चली थी हर तुफा को चीर,
घंटे दो घंटो में आ रुकी थी मेरी रेल ,
भूल गई हर बात,भूल गई हर बेज्जती,
बस शांति से फिर निकल पड़ी अपने रास्ते
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अर्ज किया है...!!
हमें तो मोबाइल ने लूटा!
किताबों में कहाँ दम था!!
वाह-वाह........वाह-वाह
अबे सुन तो ले ढक्कन😝
हमें तो मोबाइल ने लूटा!
किताबों में कहाँ दम था!!
मम्मी ने ताने वहाँ मारे,
जहाँ रिश्तेदारों का जमावड़ा था!😭-