पग में लाग्योडी मार आपां नै सावल चालनू सिखावै
मन पर लाग्योड़ी मार आपां नै
समझदारी स्यु जीवणु सिखावै-
जद तू मिलसी बेलिया करस्यु मनडा री बात
घणा देस्यु ओलमा भरके रोस्यूँ बाथ-
सावण काळा बादळ ल्यायो रे, तीज रो तैवार आयो रे
लाडी आई भड़ाव कर रे, म्हारे हिवड़े लाय लगाई रे
हिंडे झूलळ तू लागी रे, थारो लहरियो मन्ने भायो रे
तीज रो तैवार आयो रे, थारू मिलळ री आस जगाई रे-
मैं राजस्थानी हां काम करती वैल्यां
घणी शांती राखां
क्युकी म्हानै ठा है की काम मे
ऊँचा डंका आपणा ही बोले-
मुझे नहीं बनना है fish
अब तों बनना पड़ेगा selfish
यह लड़की कुछ ऐसा कहती है!
आपके शब्दो की सरिता में
हम तों ऐसे बह जाते है
यह लड़की जब ऐसा लिखती है!-
मैं मारवाड़ी हां , मीठौ खायां बिना कौनी रैवां
पण कोई नें मीठौ बौल र धौखौ कौनी दैवां ॥-
मैं तौ मिठी बातां मेंं ठगीज ग्या ,
नीं तौ Business मेंं नाम कमाबा ला नें ,
कुन ठग लैवे ॥-
धोरां कि भौर मैं , झिर मिर बरसे इंद्र ।
अठा कि मनुवारां स्वर्ग सूं भी सुंदर ॥-