श्री राधा जी है समस्त वेदों का रस और सार खास
श्री कृष्ण जी भी है श्री राधे को दास
श्री राधा जी ही है हम सबकी स्वामिनी
हम भी बनना चाहे श्री राधे को दास
और हम सबन को दे दीजीओ श्री वृंदावन को वास
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🙏हे राधे कृष्णा 🙏
मेरी जुगलजोड़ी सरकार
चाहत बस यही हमारी
उम्र बीते चरणों में तुम्हारी
नाम लेता रहूँ श्वाँस श्वाँस
आँखो में बसे सुंदर छवि तुम्हारी
कानो से सुनु तुम्हारे सुंदर भजन
धड़कन भी गाए नित आरती तुम्हारी
हो अभिलाषित या न हो
मगर छूटे ना प्यारे ये लगन तुम्हारी-
कुछ हवाओं का सुनना, कुछ घटाओं का सुनते जाना
मगर माला श्री राधा कृष्ण नाम की बुनते जाना
रूह तो सबकी ख़ुद ही महक जाएगी
जब कोई भी गीत युगल सरकार का गुनगुनाना-
माधव..
बना लो अपने ह्रदयकुँज का वासी, पाऊँ रज चंदन नाथ,
वंशीवट की पाऊँ छाव, निधिवन की रूह खुशबू को बनूं रसियो, खो जाऊँ युगल सरकार रूह,
हे गोविंद..
बृज रज चंदन से महका दो मुझे युगल सरकार कुंजबिहरी,
खो जांऊ मैं, बस जाऊँ रोम रोम मैं रासबिहारी श्यामल श्याम जु.. मोहे लगा कंठ अपनाले रंगरसिया साँवरा सरकार..✍🏼🐦-
सुनो कान्हा
जब जब तुम्हारा नाम पुकारता हूँ सभी कष्टों से स्वयं को दूर पाता हूँ
ये संसार विरक्त लगता है जब जब सामने तुम्हे पाता हूँ
हृदय से तुम्हे लगाता हूँ तो सभी बंधनो से स्वयं को दूर पाता हूँ
मगर जब भी तुम्हारे स्वरुप से नजर हटाता हूँ
इस संसार मे स्वयं को डूबा हुआ पाता हूँ
काम क्रोध मद लोभ मोह अहंकार से भरे इस समाज मे
स्वयं को भी एक हिस्सा बना पाता हूँ
उबारो ना उबारो इस व्यथा से मुझको कान्हा
बस अपने "नाम" की रटन देना
अपने "रुप" माधुर्य के रस से मुझे सराबोर रखना
अपनी "लीला" से मुझे मोहित रखना
अपने श्रीवृंदावन "धाम" मे रमने बसने को मुझे यूँ ही लालायित रखना-
हमे नही चाहत इस भाव सागर से निकलने की कान्हा
सुना है
जो तेरा नाम लेता है वो भव सागर से पार हो जाता है-
माधव..
प्यारी प्यारी श्रीराधे रानी..
मेरी महारानी सारे जग से न्यारी..
आप ही तन है आप ही मन महारानी..
आप धड़कन है आप ही प्राण जीवन..
आप युगलनाम आप ही युगल सरकार..
आप ही श्याम आप ही श्यामाजू प्यारी..
आप इक दूजे में समाये राधारमण जू..
कान्हा बंसी मुधर बजावे, जी शयामा चुरावे..
मोरी श्रीराधे रानी सरकार के मन प्रीत जगाये..
श्रीराधेश्याम कुंजबिहारी जोड़ी निराली..
युगनिर्माता युग युगल संग संग बिराजै..
कोई श्रीश्याम बनेगा कोई श्रीराधा रानी..
युग युग होगी ह्र्दय गूँज प्रेम गीत गाते रहेंगे..
✍🏼🐦-
माधव..
आप चाहे कहो इस बावरे के बावरे हुए दिल की खता,
या कहिए फिर दीवानगी मेरे चित्तचोर युगल सरकार की,
हे गोविंद..
लम्हा दर लम्हा बस अब तो ख्याल इसमें सिर्फ हैं मेरे साँवरे युगल सरकार का..✍🏼🐦-
माधव..
मैंने तो देदी दुहाई आपके नाम की नाथ..
मोहन मुझे मेरे ही भरोसे मत छोड़ देना..
दास की ये प्रेम अर्ज विनती सुण लिज्यो..
अपने श्रीचरणों का दास बनाये राखज्यो..
मैं पापी अधर्मी मूढ़मति जग में सबसे बड़ो..
आन पड्यो आपके दरबार ड्योढ़ी सरकार..
हे गोविंद..
मोहे निहारो लो सुध मेरी श्यामाजू श्याम..
मैं पापी अधर्मी सुमिरन कियो ना कभी..
आप दया की खान श्रीकिशोरी नंदकिशोर..
आप प्रेम कृपा सागर प्राणनाथ दीनानाथ..
छवि मेरे युगल सरकार की ह्र्दय बस गईं..
अपनी प्रेम प्रित की लागी लगन को मोहन..
बीच राह में मत छोड़ दिज्यो गिरधर नाथ..
आपका दर दरबार अब छोड़ा नहीं जाएगा..
आपके श्रीवृन्दावन बसा लो वृन्दवानेश्वरी..
मेरे ऊपर करो कृपा साँवरे सरकार..✍🏼🐦-
ऐसा रूप ऐसा श्रृंगार,मनभावन,करे उद्धार,
छवि मनोहर लिए खड़े हैं युगल सरकार।-