शब्दांचा दिलासा देऊन
मन कधीच भरत नसतं,
म्हणूनच मैत्रीच खरं समाधान
खांद्यावरच्या हातात असतं....-
झल्ली थी वो ,
पर अलबेली थी,
दोस्त कम थे ,
खुद एक पहेली थी,
सीनियर्स से बनती थी,
क्लासमेटस से ठनती थी,
कुछ खास नहीं थी ,
फिर भी आम नहीं थी,
कालेज की छुट्टी तो मुश्किल ही करती थी,
एक मेडम है जिससे वो डरती थी,
नर्सिंग में बीएससी की स्टूडेंट थी,
घर से दूर कॉलेज उसका परिवार था,
हॉस्पिटल ड्यूटी में बसाया अपना जहान था,
कॉलेज और हॉस्पिटल में खोई रहती थी,
खुदको भूल अक्सर मरीजों से बातें करती थी,
लबों पर मुस्कान ही रखती थी,
हालातों के मुश्किल दौर से लड़कर भी,
किसी से शिकायत ना की थी,
कॉलेज बस के सफर में तो ,
जिंदगी का सफर तय करती थी,
बस में हमेशा वो आगे वाली सीट पर ही बैठा करती थी,
बमुश्किल ही कभी दोस्तों के कहने पर पीछे बैठ कुछ मस्ती भी किया करती थी,
एक सीनियर थी जिसके लिए वो गाना गाया करती थी,
कभी कभी अपने पागलपन से सबको हँसाया करती थी,
(Read full poem in caption)
तेरे बिन तेरे संग
राधे कृष्ण
#मीनू©✍️-
ना कल्पनाओं का आकाश ना उनकी गहराई,
अदीबों की दुनिया में अल्फाज की नन्ही बूंद हूँ
नाम है मीनू जिन्दगी के हर रंग को अपनाया,
मुस्कान और दर्द का मिला जुला स्वरूप हूँ ।।
तेरे बिन तेरे संग
राधे कृष्ण
#मीनू©✍️
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जिन्दगी अब तो बदल चुकी है
मोहब्बत परवान चढ़ चुकी है
रातों की नींद दिन का चैन छिन गया है
बस अब तो उनके दीदार को
बेधड़क दिल धड़कता है-
कुछ राज छुपाए बैठी हो,
कुछ ख्वाब छुपाए बैठी हो,
आँखों से करती हो बातें,
पर अरमान छुपाए बैठी हो
अधरों से ना कह पाए जो,
मन के अल्फाज छुपाए बैठी हो...
तेरे बिन तेरे संग
राधे कृष्ण
#मीनू
(Dedicated to miss singer)
मैंने अपना वादा पूरा किया,-
धूप ढलने लगी हैं,
सांझ होने लगी हैं,
धुंध छटने लगी हैं,
औस बिखरने लगी हैं
आँख हँसने लगी हैं
ख्वाब बुनने लगी हैं,
कलम चलने लगी हैं,
जिन्दगी लिखने लगी हैं,
दूरियाँ मिटने लगी हैं,
बात होने लगी हैं,
राह चलने लगी हैं,
मंजिल मिलने लगी हैं,
गीत कुछ गाने लगी हैं,
धड़कन भी सुनने लगी हैं,
आस फिर जगने लगी हैं,
हिम्मत लौट के आने लगी हैं,
ख्वाहिशें मुस्कुराने लगी हैं।।
तेरे बिन तेरे संग
राधे कृष्ण
#मीनू©✍️
-MEENA SONI
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लिखते लिखते साँसे खत्म हो जायेगी,
पर वतन से चाहत ना खत्म हो पाएगी,
कितने भी हो नापाक इरादे दुश्मन के,
कुर्बान वतन पर वीरों की जान हो जाएगी।।
तेरे बिन तेरे संग
राधे कृष्ण
#मीनू©✍️-
ख्यालों को हक़ीक़त बन जाने दो
अपनी मोहब्बत को फना हो जाने दो
रातों में नींद भी आ जाएगी
मोहब्बत भी मुकम्मल हो जाएगी-
जमीं पर रहकर आसमाँ छुना चाहती हूँ,
पंख नहीं है फिर भी उड़ना चाहती हूँ,
कोई साथ नहीं देगा मेरा मालूम है मुझे,
फिर भी अपने सपने पूरे करना चाहती हूँ,
तकलीफ आकर मन में उदासी भरती,
फिर भी मुस्कान को लबों पर रखना चाहती हूँ,
माना समझदारी की बातें कर लेती हूँ,
फिर भी पागलपन को जीना चाहती हूँ,
हर किसी के पास दर्द की ही सौगात,
फिर भी खुशी के चंद लम्हें चुराना चाहती हूँ,
आसान तो नहीं ये जिन्दगी इतनी पर,
फिर भी इसके हर पहलू से गुजरना चाहती हूँ,
किसी से नहीं उम्मीद कोई सफर में पर,
खुद की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहती हूँ,
सब कहते हैं दो पल की है जिन्दगी पर,
फिर भी दो पल में सदियाँ जीना चाहती हूँ।।
तेरे बिन तेरे संग
राधे कृष्ण
#मीनू©✍️-
जिन्दगी एक संकल्प हैं,
सुख दुःख तो मात्र विकल्प हैं,
प्रेम समाहित ना हो गर मन में,
तो सालों जीकर भी जिन्दगी अल्प हैं।।
तेरे बिन तेरे संग
राधे कृष्ण
#मीनू©✍️
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