QUOTES ON #मंच

#मंच quotes

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19 MAR 2021 AT 12:11

मेरे अल्फाज तब लड़खड़ाने लगे
मंच से पीछे जब वो नजर आने लगे

पैसे जितना लिया मैं उतना काम करता
मगर मैं चुप हो गया जब वो वहां से जाने लगे

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17 OCT 2017 AT 13:34

नचाता है उंगलियाँ हवस की
वो मेरे जिस्म पर
लड़की हूँ मैं
एक हवसी मंच नहीं ।

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23 JUL 2017 AT 16:35

तन्हा अकेले से इस डिजिटल वर्ल्ड में
एक रास्ता, एक चराग़-ए-रहगुज़र मिल गया
किनारे पड़े सुस्ताते थे मेरे अल्फ़ाज़
उन्हें एक बहता दरिया मिल गया
दिल में दबे थे कुछ ख़्वाब-ओ-ख़याल
उन्हें ज़ाहिर करने का ज़रिया मिल गया
'मुझे पढ़ने-सुनने' वाले, दीवाने मिले
उन्हें 'उनकी' कहने वाला, मस्ताना मिल गया
अपने दर्द लिखकर, उनके दर्द दिखाने लगा
मुझे अपने और उनके दर्द का, मलहम मिल गया
कभी हँसाता हूँ, हँस देते हैं
कभी रुलाता हूँ, रो देते हैं
मुझे 'मुझ जैसे', उन्हें 'उन जैसा' मिल गया
वो कहते हैं, 'है यह' लिखने-पढ़ने का मंच
मैं कहता हूँ, मुझे तो 'हमराज़' मिल गया
नाशाद-ओ-नकारा सा है यह 'सागा'
फ़िर भी देखो, परायों में 'परिवार' मिल गया
- साकेत गर्ग

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26 JUL 2020 AT 16:08

"आप इतने उन्मुक्त विचारों को स्वच्छंद रूप से सार्वजनिक मंच पर क्यों लिखते हैं?"

"अगर मैं कभी राजनीति में उतरा तो विरोधी दल को मेरी छवि धूमिल करने का अवसर मिले।"

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13 APR 2017 AT 0:57

वो मंचों में पानी बचाओ के नारे लगाते हैं
और शावर के नीचे घंटों नहाते हैं

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8 FEB 2021 AT 10:20

कविता ख़ुश है
कवि तक पहुँच कर।

किताबों या मंचों तक जाना
उसकी ख्वाईश नहीं।

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6 FEB 2021 AT 11:17

अपनी अपनी प्रतिभा सबकी, अपना अपना मंच
बेहतर तुम्हारी लेखनी, तो काहे करो प्रपंच

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12 FEB 2018 AT 14:12

जिस तरह अपने
अल्फाज़ो को मुझें
अपने ज़ज़्बातों में भिगोना
अच्छा लगता हैं। उसी तरह yourquote
से प्रेम में मुझें खुद को भुलाना अच्छा
लगता हैं। ये मंच हैं उम्मीदों का,
जहां लेखक बनते हैं, पंख फैलाये
नई उड़ान भरते हैं। उस नई उड़ान
से खुद की एक पहचान बनाना
अच्छा लगता हैं। मुझें
yourquote पर
लिख कर दूर
तक अपनी
आवाज़
पहुँचाना
अच्छा
लगता हैं।

-Naina Arora

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13 FEB 2020 AT 17:36

"जग भया मंच आपणों, बने सब कलाकार।
धाता लिखयो आपणों,कि विधि करों आचार।।"

"जैं निभावै त सै छनैं , सद्गति त करौं विचार।
क्षोभ, माया से भी बचैं, यहीं नरक के द्वार।।"

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12 FEB 2021 AT 20:25

कुछ कविताएँ
डायरी में कैद रहती हैं,
तो कुछ
भरती हैं उड़ान मंचों पर।

यही अंतर होता है
दिल और दिमाग से निकली कविताओं में।

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