QUOTES ON #ब्रह्मकमल

#ब्रह्मकमल quotes

Trending | Latest
20 JUN 2020 AT 8:15

शर्म-ओ-हया की तू ऐसी मूरत, खुद में तू लजाती हो,
छूने भर से सकुचाती हो, 'लाजवंती के फूलों' की सी!

वहशी नज़रों से रहती दूर, पाक दामन रखती हरदम,
जहरीली छुअन से बचती तुम, 'चंपा के फूलों' की सी!

बेशकीमती तुम इस जग में, ना कोई ओर है तुम जैसी,
दुर्लभ हो मिसाल प्रेम की, 'ब्रह्मकमल के फूलों' की सी!

तेरे प्यार की महक से महके, तन्हा रात का आँगन भी,
कण कण, रग रग में समाई, 'रातरानी के फूलों' की सी!

सतरंगी भावुकता मन की, लम्हा दर लम्हा जज्बातों की,
सात सुरों की सी है तेरी जिंदगी, 'प्रोया के फूलों' की सी!

सदियों बाद के मन मंथन बाद, जब हम तुम दोनों मिले,
तेरे स्पर्श से पुनः प्राण मिले, 'पारिजात के फूलों' की सी!

एक दूसरे के पूरक है, तुम बिन मैं सच मे कुछ भी तो नहीं,
सदा रहेंगे साथ अब हम तुम, 'सूरजमुखी के फूलों' की सी!

'राज' सदा तेरे साथ रहेगा, इस जीवन के अंतिम साँसों तक, _राज सोनी
अलविदा कभी कहना मत, ना बनें तू 'बांस के फूलों' की सी!

-


2 MAR 2020 AT 21:05

ब्रह्म राक्षस... ताक मे है
आधी रात को
जैसे ही खिलेंगे
ब्रह्म के फूल.....
नोच ले जाएगा..

पौराणिक कथाओं में
सुना है उसने....
प्रेतयोनि से मुक्ति दिलाएगा
ब्रह्म का फूल......

मै लिखता ही रह जाऊँगा
ब्रह्म कमल........

और वो
नोच ले जाएगा
सारे...... ब्रह्म कमल
अपने देवता के लिए..। कविता 🌱





-


5 APR 2022 AT 10:33

हिमालय का अकेलापन..

सुनों हिमालय..
क्यों सिर्फ दृढ़ता ही देखी गई तुम्हारी
नापी गई सिर्फ गहराई ही
तुम्हारी जड़ों की,
क्यों अब तक की सभ्यताएं तलाशती रहीं
तुम्हारी नींव के अडिग पत्थर..
पर क्या किसी ने भी सुधि ली
तुम्हारे नितांत अकेलेपन की
नहीं न !!

सुनों हिमालय..
एकांत से ज्यादा कुछ भी क्रियाशील नहीं है ,
धरती की नीयति पर स्थित
तुमने अकेले ही बदल दिया सभी मौसमों को,
ह्रदय में धारण किए रखा ग्लेशियरों को
ताकि बची रहे धरा
विरह तपन से ,
शून्यता की अनगिनत सीढियां चढ़ते-चढ़ते
तुमने उस थके मनुष्य को
जगह दी
अपने ब्रह्मकमल में !!

सुनों हिमालय..
तुम हस्ताक्षर हो विराटता के
जो कि व्याप्त रहा कण-कण में ,
सदियों से.. सदियों तक..
अचल रहकर भी तुमने गतियां दी मनुष्यता को
ताकि पनपती रहें सभ्यताएं अनवरत !!

-