झूकी _ ए _ नज़रें ज़रूरी नहीं झूठ बोला करतीं हैं !.
किसी कि झूकी नज़रें इज्ज़त _ ए _ ख़्याल किया करतीं हैं !!.-
18 JUN 2020 AT 13:10
8 MAR 2021 AT 11:15
अक्सर बचपन से मैंने पैसो के तराजू में जरूरत की चीजो को ही बिकते सुना था,
ये आँखे तो तब खुली जब किसी की बेटी को मैंने उसी तराजू पर लाखो के भाव में निलाम होते देखा।-
26 NOV 2021 AT 10:57
किसी के जवाब नही देती
वो कुछ बयां नहीं करती
कुछ खयालात है, बस लिख देती है !-
21 JUN 2020 AT 11:37
नज़रे बात और इंसान से रिश्ते का महत्व दर्शाती है।
झुकी हुई नज़रे कानून के आगे चोर कहलाती है।।-