"इश्क़ तो मुझे भी बेशुमार हैं तुझसे मेरी माँ
बस ख़्वाहिश इतनी सी की तेरे सजदे में निकले मेरी जाँ....
मेरे देश के वीर योद्धाओं
पुलवामा शहीदों को
🙏💐🇮🇳शत शत नमन एवं श्रद्धासुमन🇮🇳💐🙏
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©कुँवर की क़लम से....✍️
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पुल से डर लगता है अब
नदी पर हो
रेलवे का हो
फ्लाईओवर हो
या पुलवामा
जोड़ने का पर्याय अब
उजाड़ने लगा है घर
कब गिर जाए
कहर बरपाए
यह तय नहीं
तय है तो यह कि
रेलवे का हो या फुटओवर
नदी का हो या पुलवामा
हर सूरत में जिम्मेदार है
ठेकेदार
चाहे वह वर्क्स डिपार्टमेंट का हो
राजनीति का
धर्म का
या आतंक का
गिरेगा पुल
उड़ेगा पुल
भरेगा आम
सहेगी औरत-
इश्क़ का कवि हूं इश्क़ लिखता हूं मगर,
न जाने क्यों आज कलम, विद्रोह उगल रही है
- ©सचिन यादव-
खुदा भी कल गर्व से तन गया होगा
दरबार में जो उसके,शहीदों का काफिला गया है।
- © सचिन यादव-
आज देश की फिजायें मुझे मारने को आ रही हैं
न जाने कितनी मांओं की चीखे मेरे कानों मे आ रही हैं
- ©सचिम यादव-
वो मंजर दु:ख दे जाता है,
बारूदों के गोंलों को ,
कैसे तुमने झेला होगा..?
खून से लथपथ होकर भी..
तुमने जय हिन्द बोला होगा।
क्या लिखूँ मैं वीरों तुम पर...
शब्दों ने साथ छोड़ दिया,
छाया ऐसा मातम है..
जैसे सबने जीना छोड़ दिया ।।
देश के ख़ातिर वीरों तुमने आज ..
अपनी जान गवाई है,
सुन लो ऐ दुश्मनों ...
अब तुम पर शामत आई है ।S.S.-
बर्दाश्त की सीमा से अब ऊपर पानी जा रहा है
पाक अपनी हरकतों से क्यों नहीं बाज आ रहा है
बेवकूफ नासमझ गीदड़ की नादानियां तो देखिए
न जाने किस गुरूर में सोये हुए शेर को जगा रहा है
- © सचिन यादव-
{ यह कविता 14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद
हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए लिखा गया है। }-
बहुत हो गया जीना-मरना
बहुत हो गयी बाते-सातें
अब तो तुम कुछ काम करो
"या काश्मीर को दान करो
या पाकिस्तान को गायब करो।"
- ©सचिन यादव-