जिसे तुम पटाखा कहते हो
वो किसी के घर की रोशनी है-
माना! बम्ब हो,
पटाका हो,
पटोला हो
मगर क्यों रहती हो
इतनी नकचढ़ी।।
सुनो! बिना तारिफ के
तुम वैसी ही हो,
जैसे- होती है
बिना चावल के कढ़ी।।-
पटाका
"छोड़ने" पर पाबंदी नहीं;
"छेड़ने" पर है।
गलतफहमी मे न रहे!!
दुख भी तो इसी बात का है।
😔😔😔😔😔😔-
रासतों के पटाकों पे नज़र थोड़ा कम दौड़ाए
इस बार दिवाली प्यार से बिताए।-
भारत वह देश है जहाँ
झंडे को "पताका"
बारूदी आतिशी को "पटाखा"
पाश्चात्य संस्कृति से
नख-शिख लदी कन्या को "पटाका" कहते हैं।।-
मेरी पड़ोसन
यूँ तो नहीं, पड़ोसन से रवादारी ना रखो,
इश्क़ हो जाए, बस ऐसी यारी ना रखो।
धुन देगी वो एक दिन आवेश में आकर,
गर रखो, तो सयंम, मारामारी ना रखो।
दिल फेंक आशिक़, नहीं सुहाते उसको,
वो पटाका है गर, तुम चिंगारी ना रखो।
मसला ये नहीं की तुमको वो भाव ना दे,
मसला है,की तुम कभी लाचारी ना रखो।
एक दिन तेरी हसरत भी यह होगी पूरी,
नज़र हटाना ना, दिल को भारी ना रखो।-
मां - और बताओं पटाका में
आग लगा कर कैसा लग रहा है...
इतने सालों से तो कैरियर में
आग लगा ही रहे हों...🖋️-