वो लड़का है दर्द उसे भी होता है,
रोना उसे भी आता है मगर रो नहीं वो सकता है
क्योंकि
रोना उसका अधिकार नहीं। बचपन से सिखाया जाता है
मर्द को दर्द नहीं होता।
एक कोमल बालमन पर शुरू से ही अंकित किया जाता है,
बचपन से ही उसकी भावनाओं को पत्थर बनाया जाता है।
जब उसके अंतर्मन से पसंद नापसंद भावनाओं की दीवार विखंडित हो चुकी होती है
तब कहा जाता है
ये पत्थरदिल किसी की भावनाओं को क्या समझे?
आखिर दुनिया में आँखें खोलते ही पत्थरदिल बनाने की बुनियाद रखी किसने
आपके ही अतिबुद्धिजीवी समाज ने।।-
ना कोशिश कर
मुझे समझने की ए दोस्त।
मुझे समझने के लिए तुझे
मेरे दर्द से गुज़रना होगा।।-
हालातों से ऐसे गुज़र रहे है हम,
दिल ही दिल में सुबकते है हम।
ना बताओ तो दिल में तूफान,
बता दो तो आँखों में समंदर
रखते है हम।।-
वो कहती है,
आदमी
जिस्म का भूखा,
भेड़िया होता जा रहा है।
ये नहीं कहती,
ये भूख जगाई किसने।।-
जिंदगी हर इंसान को
कम से कम एक बार
दौराहे पर लाकर खड़ा करती है।
"किताब" और "शबाब"
क्या चुनना है?
फैसला आपका!!!-
"आहिस्ता से बोलने का उसका
अंदाज भी कमाल था,
कानों ने कुछ सुना भी नही,
और दिल सब समझ गया..❗"-
आपमें चाहे जितना ही सामर्थ्य हो,
जीवन सरल ही रखें।
जिस तरह अपना इक्का तब तक नहीं निकाला जाता,
ज़ब तक सामने वाले का बादशाह ना खुले।।-
सफलता और विफलता
एक ही सिक्के के दो पहलू है।
एक में आप दुनिया के पीछे होते है,
दूसरे में दुनिया आपके।।-
ज़िन्दगी
ज़ब देती है
तो हिसाब नहीं करती।
जब लेती है,
तो लिहाज नहीं करती।।-