तन की सुंदरता क्षणिक है
साँसों का खेला है क्षणिक
जीवन क्षणभंगुर है यारों
फिर है गर्व किस बात का
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आओ मिलकर साथ निभाएं
जीवन नैय्या को पार लगाएं
सुख दुःख की भँवर मे उलझी
गृहस्थी की नैय्या पार लगाएं-
तुम समझते नहीं हालात मेरे नादां दिल के,
हम वक़्त की आँधी के सताए हुए हैं।
मिला जो आसरा हमें ज़रा सी रौशनी से,
ऐसी रौशन शमां के हम सताए हुए हैं।
खेलकर दिल से मेरे जो हमें ठुकरा गए,
ऐसे मोहब्बत के आशिक के हम सताए हुए हैं।-
सागर से मीलों दूर किनारा बहती बीच में ज्यों जलधारा!
दूरियां मीलों की हों दरमियान तुमसे प्यार होगा न कम!!
ऐसे ही तकदीर हमारी बीच में वक्त का बहता पानी!
तकदीर दिखा दे कितने खेल तुमसे प्यार होगा न कम!!
टूटे दिल के हर टुकड़े में दिखता तेरा चेहरा प्यारा!
कर ले तू चाहे मुझसे किनारा तुमसे प्यार होगा न कम!!
आसमान में ज्यों ध्रुव तारा ऐसा तू दिलदार हमारा!
दिल की धड़कन है तुमसे, तुमसे प्यार होगा न कम!!-
गंगाजल सा पावन है होता दिल और दर्द का रिश्ता
मनोभावों का प्रतिबिम्ब है होता दिल और दर्द का रिश्ता
मासूम बच्चे की किलकारी सा दिल और दर्द का रिश्ता
जल मे शीतलता सा निहित है दिल और दर्द का रिश्ता
अग्नि में गर्माहट जैसा है दिल और दर्द का रिश्ता
आंखों की किरकिराहट सा है दिल और दर्द का रिश्ता
ज़ख्मी हो तन तो रिस्ता है दिल और दर्द का रिश्ता
आहत हो भावना तो टीसता है दिल और दर्द का रिश्ता
किसी भी रिश्ते से गहरा होता है दिल और दर्द का रिश्ता
अपनों के सम्मुख निश्छल रोता है दिल और दर्द का रिश्ता-
ओढ़कर तेरी यादों का लिहाफ, हमने सोने की कोशिश की!
न जाने कैसी तड़प, हर लम्हा महसूस की!
करवटें बदल बदल, गुजरती रही रात!
हर करवट मे मैने,कमी तेरी महसूस की!
भीगने लगा जब तकिया,मेरा आँसुओं से!
सिरहाने तेरी बाँहो की,कमी महसूस की!
चाँद संग चाँदनी को,झूमते देखा जब!
मेरे दिल ने उस पल तेरी पनाहों की,कमी महसूस की!
नहीं गुजरी जब रात, मेरी तन्हाई मे!
लम्हा लम्हा ज़िंदगी मे अपनी, तेरी कमी महसूस की!-
गुमान में भी न था, प्यार में इतनी बड़ी सज़ा दे जाओगे,
ज़रा सी भूल के बदले में, मौत को मेरा पता दे जाओगे।
अनदेखी तेरी का दंड मुझे दे, दीदार को धता दे जाओगे,
दिल से चाहा है, सोचा न था तुम जख़्म नया दे जाओगे।
नैन बरसे मन दीद को तरसे क्या दम गुनगुना दे जाओगे,
अंधेरा घना ख़ामोशी चुप क्या तुम जली शमा दे जाओगे।
टूटे रिश्तों की कहानी में ख़ास किरदार मेरा आम हो गया
दुविधा में जो मन, अंतर्मन की सुन, मुझे वफ़ा दे जाओगे
इससे ज्यादा फरियाद की हिम्मत नहीं बाकी है मुझमें,
मुझे स्वीकार होगी जो जानबूझकर तुम कज़ा दे जाओगे।-
हो अगर दिल मे प्यार!
पल भर मे बयां हो जाता है!!
शब्दों के तीर कमान नहीं!
नैनों से बयां हो जाता है!!-