Gunjan Gulati   (Gunjan)
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Read me to know me...
Joined 8 May 2020


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28 JAN 2022 AT 6:03

उन रास्तों ,,,,,,,
हर हिस्से में ....बिखरी हँसी मिलेगी
छोड़ आयी हूँ जो अपनी
चहक मिलेगी.....
दिल को ज़रा खुद के ..... काबू में ही रखना
हर ओर,,अब तो मेरी ही झलक मिलेगी
महसूस होगी शर्म से ,,,झुकी नज़रें हमारी
इश्क़ की बारिश भी जमकर रोज़ होगी !!!
जो था तुम्हारा ,,,अब वो मेरा नाम दोहराये
सम्भल जाना !!!!
मुहब्बत गर सरेआम आ जाये
उम्र भर से वाकिफ़ हैं ,,,,,
जिनसे निगाहें तुम्हारी ,,,,
उन लहरों से रुबरू हो....
लबों पर वाह !!!!! आ जाये
लबों पर वाह !!!! आ जाये— % &

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20 JAN 2022 AT 7:31

क्षितिज,,,,,,,,,
सी है मुहब्बत अपनी,,,,
ख़ूबसूरती को अपनी !!!!!!
जो खुलकर है जीती,,,,,,
तुमको और मुझको मिलाती तो है
पूर्ण होने का एहसास कराती तो है....
पर करती है बयान,,, अस्तित्व जो हमारा
तुम्हारा रंग अनोखा और मेरा निराला
हाँ निखारा है इसने ,,,,
दोनों को ही,,,,पर खोने न दी हमारी
स्वयं की,,,,,,,
अभिव्यक्ति........ !!!!!!!

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6 JAN 2022 AT 8:53

इश्क़ की गहराई को नापना
यूँ आसान कहाँ है,,,,,,,,,
नाम आते ही लबों पर,,,,,,,उस हिचकिचाहट को
छिपाना आसान कहाँ है.......
लाख कह दो तुम,,,,,,,,,हमें भुला दोगे
यूँ धड़कनों से मिटाना आसान कहाँ है,,,,,,
रोग ये दिल का जो ,,,,जनाब लगा बैठे हैं
इस दरिया से उबर पाना ,,,,,,,,,,
अब आसान कहाँ है !!!!!!
नाम मेरे साथ तेरा,,,,, कुछ यूँ जुड़ गया है
नज़रअंदाज़ हो जाये,,,,
अब आसान कहाँ है,,,,,,,,,,,

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1 JAN 2022 AT 0:14

Happy New Year !!!!!! my YQ family 💞💞💞💞💞💞💞💞💞
Stay blessed 💖💖💖💖 Keep shining
Keep smiling 🤩🤩🤩

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18 DEC 2021 AT 8:45

जाने अंजाने बुरे हाल कर बैठे
इक अजनबी से आँखें चार कर बैठे
ना दिन का सुकून,,,,,ना रातों का करार है
हाय !!!! हम तो इश्क में कमाल कर बैठे
बातों में उसकी इस क़दर खो चुके हैं
मुस्कुराहट की हमारी,,,,,वो राज़दार बन बैठे
जीने का मकसद ,,,,, अब वो बन चुका है
शाम हम सुनहरी....
वो आफ़ताब बन बैठे !!!!!!!!!

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5 DEC 2021 AT 7:55

मासूमियत से भरी ,,,,,,,उस हाँ....... ना में
कहीं थी झिझक,,,,,,,कहीं हया का पहरा था.....
उसने छुआ था पहले-पहल,,,,,,,,,एहसास वो
खुद में गज़ब का था........
नज़रें मिलाना,,,,,, नामुमकिन हो चला था... लबों पर
घबराहट का बसेरा था,,,,,,,,,
उस शख़्स ने फिर भी था,,,,,,,,हक़ अपना जताया
जानता था,,,,,,भेद ये सुनहरा था........
बारिश की बूँदों सी वो,,,,,,,सिर्फ उसके लिए बनी है
आज ये मुहब्बत से भरे,,,,, बादलों का अँधेरा था....
मन में क्या था उसके,,,,,,,,,आँखें जता रहीं थी
झूठी ख़ूबसूरत सी ना ,,,,ना के बीच,,,,,
हाँ ने राज़ खोला था.......उफ्फ़ !!!!! हर राज़ खोला था........

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22 OCT 2021 AT 22:43

ख़ामोश सी रातें
ठहरा सा समां है......
थमी सी धड़कनें ,,,
नम सा आसमां है
शायद इंतज़ार है .....
तुम्हारी आहट का !!!!
चाँद तो पूरा है यहाँ
खोया तू कहाँ है......

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30 NOV 2021 AT 5:32

अब हक़ीक़त से रुबरू हूँ ,,,,
ऐ मुहब्बत तेरी पाक ,,,,जुस्तजू से रुबरू हूँ
वो अजनबी शख़्स,,,,
कब दिल पर दस्तक दे गया ......
मैं आजकल इन बढ़ी धड़कनों से रुबरू हूँ........
कोई हँसी पर किसी की ,,इस क़दर था मर मिटा
ये दिवानगी का किस्सा,,,,,था कहानियों में सुना
पर इश्क़ आज भी ,,,,,सिर्फ लिखा नहीं जिया जाता है
मैं शब्दों की उन .....
रूहानियत से रुबरू हूँ ......
कल्पना में मुहब्बत को है ,,,,,,,सबने सँवारा
दिल से दिल का अनूठा मिलन ,,,,कुछ यूँ दिखाया
प्रेम खुद में ही,,,,, ख़ूबसूरत बड़ा है....
ढ़ाई अक्षर की सम्पूर्णता से रुबरू हूँ......
हाँ ,,,मुहब्बत तेरी पाक,,,,,,जुस्तजू से रुबरू हूँ......Gunjan

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22 NOV 2021 AT 8:07

सुधबुध खोकर राह निहारी.......
नैनन की अपनी पीर सम्भाली
करे श्रृंगार,,,,एक झलक को तरसे
किससे कहती,,,,क्या लगन लगायी
पिया बाँवरी .....अब कौन बताये
दवा वही जो मर्ज़ लगाये......
नीम हकीम ....कुछ समझ ना आये......
इश्क का रंग,,,,,जिधर चढ़ जाये

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18 NOV 2021 AT 13:39

ख़ूबसूरती से गढ़े लफ्ज़ भी ,,,धूमिल पड़ जाते हैं
वक्त की चोट से कब तलक बच पाते हैं ........
नज़रअंदाज़ हो,,,,,अस्तित्व छोड़ते जाते हैं
अंधकार के पाश में जकड़ से जाते हैं.....
फिर प्रकाशित करता है उनको,,,,एक योग्य पाठक
लौटा लाता है जो,,,,विस्मृत ललक,,,,,,प्रेरणा फिर से
कुछ लिख जाने की,,,,शब्दों को पुनः खिलखिलाने की
सच ही तो है,,,,,,,बिन पाठक हर लेखक अधूरा है
दिन और रात सा,,,,मेल ये अनूठा है.......
शुक्रिया ,,,,,,दिल से आप सब का,,मेरे शब्दों को
समझने के लिए ,,,,,इनका वजूद आज तक
कायम रखने के लिए,,,,,,,
वरना ये भी कहीं ओझल हो जाते.......
फिर से उठकर ये सम्भल ना पाते.........

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