दूर-दूर तक कोई ना हो
सिर्फ तु हो और ये तन्हाई हो
ख़ामोश तु बैठी रहें
और शोर करती तेरी परछाईं हो |
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28 OCT 2017 AT 13:02
1 OCT 2019 AT 21:18
दूर-दूर भागते रहते हैं, रोज़ लोग मुझसे,
दोष क्या है मेरा ?...मुझे बताते भी नहीं ।-
29 JUL 2021 AT 20:57
दूर_दूर तक देखा जब नज़र धुंधला गई
परायापन सामने था खुद नजर भी पराई हो गई-