इतना भी गुमान ना कर अपने हुस्न पर ए-बेखबर
शहर में तेरे हुस्न से ज्यादा चर्चें "चाय" के होते है!!-
31 JUL 2020 AT 19:26
18 JUN 2018 AT 7:17
ए दार्जिलिंग की रानी
सुन तू हे जान हमारी
हे तू मेरी मल्लिका
हुं में तेरा गुलाम
हां तू ही तो हे वो
सुबह सुबह वाली
ए मेरी चाय की प्याली...!
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22 APR 2021 AT 13:16
दार्जिलिंग की ठंडी फिजाओं मे।
सुनहरे पल सजन की बाहो मे।
अब भी होते है ख्वाबो मे ख्यालों मे।
जी लेते है, जा के पुरानी यादो मे।।-
29 JUL 2021 AT 17:47
@दार्जिलिंग
कुछ ख्वाब के नुकूश किस्मत की लकीरों में नज़र आएं।
इनको आँखों के समंदर में बसाकर हम कहीं दूर निकल आए।-
23 APR 2020 AT 13:28
हम तुमको कभी खोने नहीं देंगे,
जुदा होना चाहो तो होने नहीं देंगे,
चांदनी रातों में जब आएगी मेरी याद,
मेरी याद के वो पल तुमको सोने नहीं देंगे।
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31 JUL 2020 AT 21:40
Yun to Charche hmare bhi kch itne mashoor hai yaha
Jo ek bar husn-e-didar kr le ,vo hme ek pal m kbhi bhulate hi nhi-
30 OCT 2022 AT 12:37
ये वादियां ये फिज़ाएं मदहोश से हम
धुंध है या शराब से हवाएं हैं नम-