तेरी याद क्यों आती हैं...
ये पता नहीं...
पर जब भी आती हैं
अच्छा लगता हैं ......-
लोग पूछते है मुझसे क्यों परेसान हूं
केसी ये धुन्ध छाई है
अब कैसे बताऊ उसकी याद में
मेने फिर सिगरेट जलाई है-
क्या बताऊं__सारा कुछ हूबहू है !
तेरी बातें _____तेरे सोचने का ढंग, हर कुछ !
क्या बताऊं__सारा कुछ हूबहू ही तो है...
जब आज भरी दुपहरी में तुझसे बातें करते हुए...
मैं बस, सोच ही रहा था अपने विचारो को तेरे मन में भरने कि !!
तभी अचानक से __जब तूने अपने विचारों की वर्षा की ...
बस हैरान था मै__कि आखिर,
उस ऊपर वाले ने एक ही तरह सोचने वाले दो इंसान बना ही दिये है...
सुना था मैंने एक ही शक्ल के सात इंसान दुनिया में होते हैं ...
पर एक ही अक्ल और विचारो के दो इंसान__आज देखे हैं मैंने ...
फिर सोचा मन में, कि क्या बताऊं सारा कुछ हूबहू ही तो है...!
अब तो बस उसकी आंखों में देखते हुए उसके विचार पढ़ रहा था ...
मानो ऐसे हो जैसे...जैसे किसी और के मुंह से अपने ही मन के विचार सुन रहा था!-
तस्व्वुर के आलम में तन्हाई है,
कैसी मजबूरी ये हमपे यू छाई है,
न तुम हो पास मेरे,न कोई उम्मीद
बस चारो तरफ बेबसी छाई है।
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वो कहते थे हमसे रुखसत न होंगे कभी,
दूर न होंगे तुमसे राहो से छूटकर कभी,
इनाम ये वफ़ा कुछ ऐसा मिला हमे मोहोब्बत में,
एक पल में तन्हा कर गए मुड़कर न देखा कभी।
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लफ्जो में न बया हो ऐसी कहानी है मेरे प्यार की,
जो एक पल में दीवाना कर दे तिशनगी है मेरे यार की।-
यादों में बसा वो शख्स हर पल,
साथ ही होता हैं जो हमारी रूह में
मौजूद होता हैं.....-
तेरे दीदार से मेरा दिन शुरू हो,
तुज़से रूबरू होकर रात।
दुआ करते है रबसे हमेशा ,
हो हाथो में बस तेरा हाथ।
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मुक़द्दर मे नही या जिद लिए बैठे हो,
हमसे बात न करने की कसम लिए बैठे हो,
छोड़ भी दो अब इतना सताना हमे
के हमसे दूर जाने की साजिश लिए बैठे हो।-
तेरे साँसों की तपिश आँख पे महसूस हुई है
लौट के आ गए या फिर से ये वहम भर है-