डर, जिनसे हम लड़ रहे होते हैं,
अक्सर बस हमारे नहीं होते हैं।
उनमें एक हिस्सा होता है
हमारे माता पिता के डर का,
जिसका सामना वो खुद नहीं कर सके।
एक और हिस्सा
उनके माता पिता के डर का,
जिसका सामना वो खुद नहीं कर सके।
वो सारा डर, अब
composite डर बनकर,
हम में सांस लेता है।
हमारी लड़ाई बस अपने डर से नहीं,
अपने माता पिता, और
उनके माता पिता के डर से भी है।
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