आज हर कोई है मजनूं लैला
वफ़ा का दामन फिर भी मैला..-
10 MAY 2019 AT 10:15
खामोश है लब जुबाँ कुछ कहती नही
शून्य निहारती आँखे रातो को सोती नही
हार गये हो बेशक रीती रिवाजो से पर
इश्क़ में हारने वालो की हार कभी होती नही।
लाख चाहूँ जिंदगी पहले सी हो जाये अब
पो तो फट जाती है पर सुबह कभी होती नही।
हर बात अधूरी जिस बिन हर बात में जिक्र है जिसका
किस्मत का सीतम देखिये उससे बात होती नही।
सुख गयी है उम्मीद की हरियाली "आनन्द"
अब आँखे फसल अश्क की बोती नही।-
19 AUG 2021 AT 1:21
जारा सा मुस्कुरा दो है सनम,
तुम्हारे इंतेजार में
काट लें गे ए जन्नम-