समझदार के लिए इशारा ही काफी
और ना समझ को जितना
भी समझ लो, कभी
समझने वाला ही नहीं-
जो मिला हमें उसी में खुश हैं
अच्छे वक्त आने पर, हर
कोई अपना नजर आते है
और बुरे वक्त आने पर
अपने भी गैर बन जाते हैं-
जब मुझे अलविदा ही कहना था तो
मेरे दिल में क्यों आए थे
जब मुझे छोड़ना ही था तो
मुझसे प्यार क्यों किए।-
हमें इस तरह से तड़पा के चले गए
जिसे हम जान से ज्यादा चाहते थे
वही हमें रुला कर चले गए ।-
दिल को इस तरह से तोड़ा तूने
अब जीने की चाहत नहीं है
प्यार करने की सजा इस तरह दिया तूने
जीने का उम्मीद ही छीन लिया ।
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प्यार भी क्या अजीब है,
मिल जाए तो कदर नहीं रहता,
और ना मिले तो, चैन नहीं मिलता,-
Kaise bataun tumhen
Main Kitna chahta hun
Tumhen pane Ki Chahat hai
Per kahane se darta hun,-
तुमसे प्यार करने की सजा
इस कदर मिला मुझको
ना तुझे भूल सकते हैं है कभी
बस हम घुट घुट के जिएंगे अभी-
यकीन नहीं होता तो आजमा कर देख,
तुम्हारे प्यार में इस कदर पागल हूं,
तुम्हें यह दिखा नहीं सकता,
तुम्हें किस कदर चाहता हूं।
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