QUOTES ON #जस्टिस_फॉर_आसिफ़ा

#जस्टिस_फॉर_आसिफ़ा quotes

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15 APR 2018 AT 17:37

रूह कांप उठती है जब फेसबुक से लेकर व्हाट्सएप्प और इंस्टा तक.. हर वॉल पर, हर दूसरे पेज पर, हर ग्रुप में एक ही नाम देखती हूँ #जस्टिस_फ़ॉर_आसिफा
क्या कहूँ..आज पहली बार महसूस हो रहा है कि निःशब्द होना किसे कहते हैं। मन अशांत है मगर शब्द शांत हैं। वैसे ये कोई नई बात नहीं है जब कोई मासूम दरिंदगी का शिकार बनी है। हम जिस देश की सरजमीं पर खड़े हैं वहाँ आये दिन इन घटनाओं को अंजाम मिलता है।
कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं हो रही इस मुद्दे पर। खून खौल रहा है मग़र आत्मा रो रही है। वैसे हमारे समाज के माननीय "पुरूष वर्ग" को अपनी तरक्क़ी का जश्न मनाना चाहिए। है न? पहले तो सिर्फ़ महिलाएँ शिकार होती थी उनका लेकिन अब वो उन नन्हीं कलियों पर भी हाथ आज़माने लगे जो अभी ठीक से खिल भी नहीं पाईं थीं। इस तरक्क़ी के लिए वे वाक़ई सम्मान के हक़दार हैं। मुझे तो लगता है ऐसी घिनौनी मानसिकता वाले लोग बेटियों को पैदा भी करते होंगे उसका बलात्कार करने के लिए। मुबारक़ हो "मर्दों" तुमने अपनी "मर्दानगी" दिखा दी। आज मुझे ये कहने में कोई शर्म नहीं आएगी की मैं "कन्या भ्रूण हत्या" के ख़िलाफ़ नहीं हूँ।

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17 APR 2018 AT 20:24

एक मासूम हुई फिर से,
कुछ वहशी दरिंदों का शिकार ।
ना आई उन्हें दया,उस नन्ही सी परी पर ।
ना कोई काम आई, उसकी चीख पुकार ।
क्या कसूर था उस मासूम का,
यही कि वही एक अबला नारी थी ।
क्या गुजरी होगी उसके
माँ-पिता के दिलों - दिमाग पर ,
जो न बचा पाए अपनी उस
मासूम सी नन्ही परी को ।
अपनी उस मासूम सी नन्ही परी को ।।

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13 APR 2018 AT 20:20

#प्रश्न_ये_खुद_से
#जस्टिस_फॉर_आसिफ़ा????
क्या कहा?
क्या कसूर है तुम्हारा?
कसूर ये है कि लड़की हो तुम !
और लड़की #मासूम हो या #जवान,
#कच्ची उम्र की हो या #अधेड़,
हमेशा भोग की वस्तु ही रहेगी
क्या कहा?
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20 APR 2018 AT 10:12

बेटी जन्मी तूने माँ, पर मुझको बेटा पैदा हो।
तेरा जैसा दुर्भाग्य माँ, मुझको न मिला हो।

मेरी बेटी की मौत माँ, तेरी बेटी को न झेलनी हो
एक और आसिफा माँ ,मेरी कोख़ से न जन्मी हो.......न जन्मी हो।

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बेटी बचाएँ
कान पके सुनते
खोखले नारे
उजड़ गयी जड़ें
शर्मसार ये देश ।

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