बहुत कठिन है
उस दहलीज तक जाना
जहाँ आपकी प्रतीक्षा में
कोई खड़ा न हो..
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प्रदीप कुमार दाश "दीपक"
(प्रदीप कुमार दाश "दीपक")
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HAIKU POET
Joined 30 January 2018
21 APR AT 20:02
23 MAR AT 10:40
सकारात्मक सोच
एक व्यक्ति की आदत थी कि वह रोज सभी परिचित लोगों को नमस्कार करता था । एक आदमी उसके नमस्कार का जवाब 'गाली' से देता था एक दिन किसी ने उस व्यक्ति से पूछा, "वह आदमी तुम्हें भला बुरा कहता है फिर भी तुम उसे नमस्कार क्यों करते हो ?"
उस नेक इंसान ने जवाब दिया, "जब वह मेरे लिए अपनी बुरी आदत छोड़ नहीं सकता तो मैं उसके लिए अपनी अच्छी आदत क्यों छोड़ूं ?"
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22 MAR AT 10:38
रूप वन का दमक रहा, जलती मानो आग ।
तन - मन द्वय दहक रहे, मुस्कुराये पलाश ।।
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20 MAR AT 22:35
यादें याद रखना..
बातें याद रखना ...
साथ न रहे फिर भी
हम साथ साथ हैं
जीवन भर ये याद रखना ।-
1 DEC 2024 AT 11:03
ପ୍ରେମିକାର ଆକାଶ
~ ପ୍ରବାସିନୀ ହୋତା
प्रेयसी के आकाश
(हिंदी काव्यानुवाद)-
31 OCT 2024 AT 9:57
दीपक तब तक जलता है, जब तक उसमें तेल
जगत रोशन करने को, दीया सक्षम एक ।-